नये कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग गलत : कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, कहा- बंद नहीं होंगी मंडियां, जारी रहेगी एमएसपी
नयी दिल्ली : किसानों के आंदोलन और प्रदर्शन के बाद मंगलवार को भारत बंद के पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि विपक्षी राजनीतिक दल किसानों के कंधे पर बंदूक रख कर चला रहे हैं, जबकि किसान संगठनों ने उन्हें साथ आने से मना किया है. उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून के बावजूद मंडी और एमएसपी जारी रहेगी. तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग गलत है.
नयी दिल्ली : किसानों के आंदोलन और प्रदर्शन के बाद मंगलवार को भारत बंद के पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि विपक्षी राजनीतिक दल किसानों के कंधे पर बंदूक रख कर चला रहे हैं, जबकि किसान संगठनों ने उन्हें साथ आने से मना किया है. उन्होंने कहा कि नये कृषि कानून के बावजूद मंडी और एमएसपी जारी रहेगी. तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग गलत है.
नया कृषि कानून किसानों को एक सरल विवाद निवारण व्यवस्था उपलब्ध करवाता है, जहां किसान किसी भी विवाद की स्थिति में अपने सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के पास जा सकता है।#FarmActsGameChanger pic.twitter.com/CyzUKSJyTT
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) December 8, 2020
उन्होंने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं. किसानों की जमीन ना बेची जायेगी, ना लीज होगी और ना ही बंधक होगी. किसानों की जमीन पर कोई भी बंधनकारी शर्तें भी लागू नहीं होंगी. कानून मंत्री ने कहा कि सरकार ने नवंबर 2020 तक 60 हजार करोड़ की धान की फसल खरीदी गयी है.
सरकार द्वारा खरीदी गयी धान में से दो-तिहाई फसल सिर्फ पंजाब से ही खरीदी गयी है. स्पष्ट है कि एमएसपी पर खरीदारी भी हो रही है. यानी, एमएसपी खत्म नहीं होगी, इस पर खरीदारी हो रही है. वहीं, मंडी भी खत्म नहीं होगी. इसके लिए भी सरकार ने कदम उठाया है.
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसानों की बेहतरी के लिए एक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट डिजिटल बनाया गया है. इसमें 21 राज्यों की करीब एक हजार मंडियां रजिस्टर्ड हो गयी हैं. एक करोड़ 68 लाख किसान रजिस्टर्ड हुए हैं. करीब डेढ़ लाख व्यापारी रजिस्टर्ड हुए हैं. इसमें एक लाख 15 हजार करोड़ का व्यापार हुआ है.
साथ ही कहा कि क्या किसान अब भी जकड़न में रहेंगे, मंडियों के दबाव में रहेंगे या देश का किसान अब अवसर लेगा. हमने देश के 10 करोड़ किसानों के बैंक खाते में लगभग एक लाख करोड़ रुपये भेजे. प्रतिवर्ष छह हजार रुपये अब भी किसानों के खाते में भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि नया कृषि कानून किसानों को एक सरल विवाद निवारण व्यवस्था भी उपलब्ध कराता है, जहां किसान किसी भी विवाद उत्पन्न होने की स्थिति में अपने सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के पास जा सकता है और विवाद का निराकरण कर सकता है.
उन्होंने कहा कि किसान और सरकार के बीच बातचीत चल रही है. सरकार किसानों की हर बात सुनने को तैयार है. अगर किसान बेहतर सुझाव देते हैं, तो उन सुझावों पर भी विचार किया जायेगा. लेकिन, ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें कहीं और से निर्देशित किया जा रहा है.
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