Demat Account: 30 सितंबर से पहले डीमैट खाता धारक जरूर करें ये काम, नहीं तो फ्रीज हो जाएगा एकाउंट
Demat Account Nomination: डीमैट खाताधारक 30 सितंबर से पहले अपने खाते में नॉमिनी का नाम और जानकारी अपडेट नहीं करेंगे. उनका डीमैट खाता एक अक्टूबर से फ्रीज कर दिया जाएगा.
Demat Account Nomination: हाल के दिनों में बड़ी संख्या में लोगों की दिलचस्पी शेयर ट्रेडिंग में बढ़ी है. शेयर ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास डीमैट खाता होना जरूरी है. अगर, आपके पास भी डीमैट खाता है तो ये खबर आपके लिए बेहद काम की है. बताया जा रहा है कि जो डीमैट खाताधारक 30 सितंबर से पहले अपने खाते में नॉमिनी का नाम और जानकारी अपडेट नहीं करेंगे. उनका डीमैट खाता एक अक्टूबर से फ्रीज कर दिया जाएगा. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के अनुसार, यह आदेश नए और मौजूदा दोनों निवेशकों पर लागू होगा. यह कदम निवेशकों को अपनी संपत्ति को सुरक्षित रखने और उन्हें उनके कानूनी उत्तराधिकारियों को सौंपने में मदद करने को उठाया गया है. ‘फायर्स’ के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) तेजस खोडे ने कहा कि यह किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में निवेशकों के कानूनी उत्तराधिकारियों को प्रतिभूतियों के सुचारू और सुगम हस्तांतरण को सुनिश्चित करेगा. आनंद राठी वेल्थ के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) फिरोज अजीज ने कहा कि सभी व्यक्तिगत डीमैट खाताधारकों और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए किसी को नामांकित करने की 30 सितंबर की समयसीमा सेबी की ओर से उठाया गया एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है.
क्या है सेबी का नया नियम
सेबी के नए नियमों के अनुसार, नए निवेशकों को ट्रेडिंग और डीमैट खाते खोलते समय अपनी प्रतिभूतियों के लिए ‘नामांकन’ देना होगा या घोषणापत्र के जरिये बाहर निकलने का विकल्प चुनना होगा. मौजूदा निवेशक यदि इस समयसीमा को पूरा करने में विफल रहते हैं, तो उनके फोलियो को फ्रीज कर दिया जाएगा और वे उसमें से अपना निवेश नहीं निकाल पाएंगे. इसके साथ ही, वो शेयर मार्केट में ड्रेट नहीं कर पायेंगे. इसके अलावा निवेशकों के डीमैट खाते या म्यूचुअल फंड फोलियो तब तक ‘फ्रीज’ जब तक कि वे नामांकन नहीं करते या बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते हैं.
सेबी ने दिया था एक साल समय का वक्त
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने अपने जुलाई, 2021 के आदेश में सभी मौजूदा पात्र ट्रेडिंग और डीमैट खाताधारकों को 31 मार्च, 2022 को या उससे पहले नामांकन का विकल्प प्रदान करने के लिए कहा था. बाद में इसे एक साल और बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 तक कर दिया गया था. म्यूचुअल फंड यूनिटधारकों के संबंध में नियामक ने 15 जून, 2022 को अपने परिपत्र में म्यूचुअल फंड ग्राहकों के लिए एक अगस्त, 2022 को या उसके बाद नामांकन से बाहर निकलने के लिए नामांकन विवरण या घोषणा देना अनिवार्य कर दिया था. इसे एक अक्टूबर, 2022 तक और फिर मार्च, 2023 तक बढ़ा दिया गया. बाजार भागीदारों से मिले आग्रह के बाद फोलियो और डीमैट खातों को फ्रीज करने का प्रावधान 31 मार्च, 2023 के बजाय 30 सितंबर, 2023 से लागू करने का फैसला किया गया. बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि अतीत में कई निवेशक खाते बिना किसी को नामित किए खोले गए हैं. ऐसे मे सही उत्तराधिकारी को संपत्ति के हस्तांतरण में कठिनाई आती है. ऐसे में यह कदम काफी अच्छा है और इससे संपत्ति के हस्तांतरण में आने वाले मुश्किलों से निजात मिलेगी.
डीमैट खाता क्या होता है
डीमैट खाता- एक ऐसा खाता है जो शेयर बाजार में सुरक्षाओं को उधार और खरीदने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन विद्यमान शेयरों को फिजिकल रूप से देखने और छूने की अनुमति नहीं देता है. डीमैट खाता एक व्यक्ति या निगम के बीच एक इंटरफेस प्रदान करता है जिसके माध्यम से शेयर बाजार में व्यापार किया जा सकता है.
इस तरह के खातों के दो प्रमुख प्रकार होते हैं:
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डीमैट खाता (Demat Account): यह खाता उस व्यक्ति को देता है जिसने शेयरों को खरीदा है, ताकि उन्हें उनके विद्यमान रूप को शेयर बाजार की व्यवस्था के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक रूप में संरक्षित किया जा सके.
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ट्रेडिंग खाता (Trading Account): यह खाता व्यक्ति को शेयर बाजार में व्यापार करने की अनुमति देता है. इसके माध्यम से व्यक्ति शेयरों को खरीद सकता है और उन्हें बेच सकता है.
इन खातों को विभिन्न वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रबंधित किया जाता है और ये भारत में शेयर बाजार के नियमों और विनियमों का पालन करते हैं. डीमैट खाता शेयर बाजार की वर्चुअल रिप्रेजेंटेशन होता है जो व्यक्तियों को उनके शेयरों की संपत्ति का संरक्षण करने में मदद करता है.
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