EPFO Update: इम्प्लॉईज प्रोविडेंट फंड में सिर्फ ब्याज दर में ही कटौती नहीं हुई है. निवेशकों को यह और तगड़ा झटका देने वाला है. प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) को संगठित क्षेत्र के कर्मचारी अब तक निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया मानते थे. चक्रवृद्धि ब्याज की वजह से रिटायरमेंट तक एक अच्छी-खासी रकम जमा हो जाती है. बैंक से ज्यादा ब्याज मिलता था सो अलग. लेकिन, अब ब्याज दरें घटकर 8.1 फीसदी रह गयी हैं.
एक अप्रैल से पीएफ में निवेश करने वाले लोगों को एक और तगड़ा झटका लगने वाला है. जी हां. अब आपको प्रॉविडेंट फंड पर भी टैक्स चुकाना होगा. नये नियम के बारे में जानना बहुत जरूरी है. आइए, आपको बताते हैं कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पीएफ से जुड़े किस नियम में किया है बदलाव, जिसे कर्मचारियों के लिए झटका माना जा रहा है.
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कर्मचारियों के वेतन से कटकर जो पैसा PF अकाउंट में जाता था, अब तक इनकम टैक्स (Income Tax) कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है. कर्मचारियों की ओर से दी गयी रकम के बराबर कंपनी भी उसमें जमा करती थी. उस पर भी लोगों को टैक्स से राहत मिलती है. लेकिन, अब आपको इस डिडक्शन पर टैक्स देना होगा. कहा जा रहा है कि अब यह रकम आपके मूल वेतन यानी बेसिक सैलरी के 12 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर इससे ज्यादा पीएफ में जमा होता है, तो उस रकम पर आपको टैक्स देना होगा.
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आम बजट (Budget 2021) में इस बात का प्रावधान किया था कि प्रति वर्ष 2.5 लाख रुपये से अधिक पीएफ में जमा करने पर जो ब्याज मिलेगा, उसे टैक्स के दायरे में लाया जायेगा. यानी अगर आप 2.5 लाख रुपये से अधिक जमा करते हैं, तो उस पर तो आपको टैक्स देना ही होगा, उस राशि पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स का भुगतान करने के लिए आपको तैयार रहना होगा.
केंद्र सरकार ने जो नया प्रावधान किया है, उसमें कहा गया है कि अब विभिन्न PF में एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख रुपये तक के कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाले ब्याज पर ही टैक्स में छूट का लाभ आप ले सकेंगे. इससे अधिक पैसे अगर पीएफ में जमा करवाते हैं, तो उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स का भुगतान करने के लिए तैयार रहिए. सरकार का यह प्रस्ताव हाई नेटवर्थ इनकम (HNI) वालों के लिए बहुत बड़ा झटका है.
Posted By: Mithilesh Jha
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