दोबारा बहाल होंगी Go First की विमान सेवाएं! डीजीसीए ने दी हरी झंडी, पढ़ें डिटेल
गो फर्स्ट को विमान सेवाएं दुबारा बहाल करने की अनुमति दे दी गयी है. जी हां, विमानन नियामक डीजीसीए ने कुछ शर्तों के साथ एयरलाइन गो फर्स्ट को विमान परिचालन फिर शुरू करने की अनुमति शुक्रवार को दे दी.
DGCA Approves Go First’s Resumption Plan : गो फर्स्ट को विमान सेवाएं दुबारा बहाल करने की अनुमति दे दी गयी है. जी हां, विमानन नियामक डीजीसीए ने कुछ शर्तों के साथ एयरलाइन गो फर्स्ट को विमान परिचालन फिर शुरू करने की अनुमति शुक्रवार को दे दी है. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कुछ शर्तों के साथ 15 विमानों और रोजाना 114 उड़ानों के साथ परिचालन फिर से शुरू करने की गो फर्स्ट की योजना को मंजूरी दे दी है. हालांकि, यह स्वीकृति दिल्ली हाईकोर्ट और नसीएलटी, दिल्ली के फैसले पर निर्भर है.
गो फर्स्ट के खिलाफ दिवाला समाधान प्रक्रिया जारी
बता दें कि गो फर्स्ट के खिलाफ दिवाला समाधान प्रक्रिया चल रही है. बीते महीनों कंपनी का दिवाला निकलने की खबरें सामने आ रही थी. जिसके बाद कंपनी ने तीन मई से अपनी सभी विमान सेवाएं बंद कर दी थीं. ऐसे में कई ऐसे लोग थे जिन्होंने पहले ही बुकिंग करा रखी थी उन्हें परेशानी का सामना भी करना पड़ा. अब बताया जा रहा है कि डीजीसीए की ओर से दुबारा गो फर्स्ट के विमानों के परिचालन की अनुमति दे दी गयी है. ऐसे में अब क्या यह तय है कि गो फर्स्ट के विमानों की सेवा लोग दुबारा उठा सकेंगे?
15 विमानों और 114 दैनिक उड़ानों का होगा संचालन
बता दें कि डीजीसीए ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि 15 विमानों और 114 दैनिक उड़ानों के संचालन के लिए एयरलाइन की परिचालन योजना फिर से शुरू करने की समीक्षा की गई है और इसे स्वीकार कर लिया गया है. हालांकि, डीजीसीए ने कहा, ‘यह मंजूरी दिल्ली उच्च न्यायालय और एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण) की दिल्ली पीठ के समक्ष लंबित रिट याचिकाओं/आवेदनों के नतीजों पर निर्भर है.’ प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, गो फर्स्ट अंतरिम वित्त पोषण और डीजीसीए से निर्धारित उड़ानों की अनुमति मिलने के बाद सेवाओं का परिचालन शुरू कर सकती है.
Also Read: देश में मुसलमानों की आबादी करीब 20 करोड़ होने का अनुमान, सरकार ने सदन में बतायानियामकीय जरूरतों को पूरा करने और नियमित जांच करने का निर्देश
नियामक ने गो फर्स्ट को सभी लागू नियामकीय जरूरतों को पूरा करने और विमानों के उड़ान भरने योग्य होने की भी नियमित जांच करने का निर्देश दिया. एयरलाइन के समाधान पेशेवर (आरपी) ने सेवाएं फिर बहाल करने की योजना 28 जून को डीजीसीए को सौंपी थी. उसके बाद डीजीसीए ने कंपनी की मुंबई और दिल्ली में उड़ानों से संबंधित विभिन्न सुविधाओं का विशेष ऑडिट किया था.
Go First may resume scheduled flight operations on the availability of interim funding and approval of flight schedule by DGCA. pic.twitter.com/BvPBqSf8F2
— ANI (@ANI) July 21, 2023
डीजीसीए की ओर से जारी पत्र की अगर बात करें तो डीजीसीए ने पांच अहम बिंदुओं में पूरी घटना की जानकारी दी. आइए पढ़ते है कि आखिर डीजीसीए ने अपने में क्या कुछ लिखा है.
02.05.2023 को, गो फर्स्ट ने अपने एयरबस ए320 एनईओ विमान पर चल रहे प्रैट एंड व्हिटनी इंजन के मुद्दों के मद्देनजर उड़ानें रद्द करने और दिवालियापन के लिए दायर करने की योजना की घोषणा की.
10.5.2023 को, एनसीएलटी ने रोक लगा दी और एक अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया. 09.06.2023 को, लेनदारों की समिति (सीओसी) ने शैलेन्द्र अजमेरा को गो फर्स्ट के लिए रिज़ॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) के रूप में नियुक्त किया, जिसे 15.06.2023 को एनसीएलटी द्वारा अनुमोदित किया गया था.
आरपी ने 28.06.2023 को डीजीसीए को फिर से शुरू करने की योजना प्रस्तुत की, जिसके बाद 4 से 6 जुलाई, 2023 तक मुंबई और दिल्ली में गो फर्स्ट सुविधाओं का एक विशेष ऑडिट किया गया. ऑडिट में सुरक्षा संबंधी पहलुओं और एक ऑपरेटर द्वारा एयर ऑपरेटर प्रमाणपत्र रखने के लिए आवश्यकताओं के निरंतर अनुपालन के साथ-साथ उड़ान संचालन को फिर से शुरू करने के लिए की गई व्यवस्थाओं के भौतिक सत्यापन पर ध्यान केंद्रित किया गया.
डीजीसीए ने सुनिश्चित किया है कि विशेष ऑडिट के निष्कर्षों को गो फर्स्ट द्वारा पर्याप्त रूप से संबोधित किया गया है. इसके अलावा, 15 विमानों/114 दैनिक उड़ानों के संचालन के लिए दिनांक 15.7.2023 के संचार के माध्यम से संशोधित दिनांक 28.6.2023 की बहाली योजना की डीजीसीए द्वारा समीक्षा और स्वीकार कर ली गई है. स्वीकृति दिल्ली उच्च न्यायालय और एनसीएलटी, दिल्ली के समक्ष लंबित रिट याचिकाओं/आवेदनों के परिणाम के अधीन है.
अंतरिम फंडिंग की उपलब्धता और डीजीसीए द्वारा उड़ान कार्यक्रम की मंजूरी पर गो फर्स्ट निर्धारित उड़ान संचालन फिर से शुरू कर सकता है. इसके अलावा, गो फर्स्ट को सभी लागू नियामक आवश्यकताओं का अनुपालन सुनिश्चित करने, संचालन में लगे विमानों की निरंतर उड़ान योग्यता सुनिश्चित करने और उड़ान संचालन के लिए तैनाती से पहले प्रत्येक विमान को संतोषजनक उड़ान के अधीन करने का निर्देश दिया गया है.
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