धनतेरस आ रहा है इस मौके पर सबसे ज्यादा सोना – चांदी की खरीदारी होती है. त्योहार या शादी – विवाह के मौके पर सोना खरीदना रिवाज रहा है. सोना खरीदने वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ये अहम है.
कई बार सोना खरीदते वक्त आप अहम बातों का ध्यान नहीं रख पाते इस वजह से आपको ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं. आइये समझते हैं सोना खरीदते वक्त आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
हॉलमार्क का रखें विशेष ध्यान
ज्यादातर लोग धनतेरस के मौके पर सोना – चांदी के सिक्के खरीदते हैं. ज्वेलरी की दुकानों के अलावा यह बैंकों में भी मिलते हैं. इसके अलावा आप डाकघरों से भी इसकी खरीदारी कर सकते हैं, हालांकि सिक्के आप बैंक से खरीद सकते हैं लेकिन आप ज्वेलरी की दुकानों से खरीद कर जैसे उन्हें वापस बेच सकते हैं वैसे बैंक को वापस नहीं बेच सकते.
सोना खरीदते वक्त एक बात का आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आप हॉलमार्क वाला ही गोल्ड खरीदें. यह आपको 24 कैरट वाले सोने पर 999 और 22 कैरट पर 916 का हॉलमार्क अंकित होता है. इस मार्क के जरिये आप समझ सकते हैं कि सोना कितना शुद्ध है.
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हॉलमार्क के साथ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का तिकोना निशान होता है. बीआईएस लोगो, गोल्ड नंबर के साथ (शुद्धता, जैसे कि 24 कैरट के लिए 999), एसेसी सेंटर, ज्वैलरी आइडेंटीफिकेशन मार्क के साथ हॉलमार्किंग इयर भी लिखा होता है. इन सभी को ध्यान से देखकर खुद प्रमाणित कर लें कि सोना कैसा है.
मेकिंग चार्च का आपकी जेब पर कितना पड़ता है असर
एक ही तरह की ज्वेलरी अलग- अलग दुकान पर अलग – अलग कीमत में मिल सकती है. एक ही वजह एक ही डिजाइन का भी कभी- कभी कीमतों पर असर पड़ता है. इसकी असल वजह से मेकिंग चार्ज.
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मेकिंग चार्ज ना सिर्फ ज्वेलरी को बनाने इसके डिजाइन करने का खर्चा जुड़ा होता है बल्कि इसमें ट्रांसपोर्ट की भी लागत जुड़ी होती है. सरकारी दिशा-निर्देश कहता है कि लागत के हिसाब से 2 फीसदी से 20 फीसदी तक तय करता है. अलग- अलग ज्वेलर्स अपने खर्च के हिसाब से इसमे मेकिंग चार्च जोड़ते हैं.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak
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