Dhirubhai Ambani: आसान नहीं था धीरूभाई के लिए अपना व्यापार खड़ा करना, जानें उनके 10 बिजनेस मंत्र
Dhirubhai Ambani Birthday: धीरुभाई को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर केवल 17 साल की उम्र में यमन जाकर एक पेट्रोल कंपनी में काम करना पड़ा. उन्होंने ए. बेसे एंड कंपनी में डिस्पैच क्लर्क के रूप में काम मिला. इसके बाद, धीरुभाई 1958 में भारत लौटे.
Dhirubhai Ambani Birthday: दुनिया की लीडिंग कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज का नाम शामिल है. इसकी स्थापना धीरुभाई अंबानी ने की थी. उनका जन्म 28 दिसंबर, 1932 को चोरवाड, गुजरात में हुआ था. अंबानी के पिता एक स्कूल शिक्षक थे, मगर उनका परिवार आर्थिक रुप से समृद्ध नहीं था. लिहाजा धीरुभाई को अपनी पढ़ाई बीच में छोड़कर केवल 17 साल की उम्र में यमन जाकर एक पेट्रोल कंपनी में काम करना पड़ा. उन्होंने ए. बेसे एंड कंपनी में डिस्पैच क्लर्क के रूप में काम मिला. इसके बाद, धीरुभाई 1958 में भारत लौटे और रिलायंस कमर्शियल कॉर्पोरेशन कंपनी की स्थापना की. पहले उन्होंने मसाला बेचने का काम शुरू किया. 1962 में उन्होंने कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया. इसके बाद, 1966 में गुजरात के नरोदा में एक कपड़ा मिल की स्थापना की. भारतीय शेयर बाजार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब, धीरुभाई 1977 में अपनी कंपनी का आईपीओ लेकर बाजार में आए. इसमें सबसे ज्यादा मध्यवर्ग के लोगों ने निवेश किया. बड़ी बात ये थी कि जिन लोगों ने रिलायंस में निवेश किया था, वो परंपरागत रुप से शेयर बाजार या ट्रेडिंग से दूर रहते थे. आईपीओ की सफलता ने जनता का विश्वास और समर्थन हासिल करने की उनकी क्षमता को प्रदर्शित किया. इसके बाद, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा. धीरुभाई ने अपने जीवन में कुछ सपलता के मंत्र दिये. आइये उनके बारे में जानते हैं.
धीरूभाई अंबानी का सक्सेस मंत्रा
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धीरुभाई का मानना था कि किसी काम को शुरू करने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आपका लक्ष्य क्या है. तभी आप उस तक पहुंच सकते हैं. किसी नाकामी से परेशान नहीं होना चाहिए. साहस और विश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए.
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बड़ा सोचो, तेजी से सोचो, आगे की सोचो. विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है.
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यदि आप गरीब पैदा हुए हैं तो यह आपकी गलती नहीं है, लेकिन यदि आप गरीब मरते हैं तो यह आपकी गलती है.
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यदि आप दृढ़ संकल्प और पूर्णता के साथ काम करते हैं, तो सफलता मिलेगी.
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यदि आप अपना सपना पूरा नहीं करते हैं, तो कोई और आपको अपना सपना पूरा करने में मदद करने के लिए काम पर रखेगा.
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समय सीमा को पूरा करना पर्याप्त नहीं है, समय सीमा को पूरा करना मेरी अपेक्षा है.
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कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्य का पीछा करें और प्रतिकूलताओं को अवसरों में बदलें.
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रिलायंस में ग्रोथ की कोई सीमा नहीं है. मैं अपने दृष्टिकोण को संशोधित करता रहता हूं. केवल जब आप इसका सपना देखते हैं तो आप इसे पूरा कर सकते हैं.
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हमारे सपने बड़े होने चाहिए. हमारी महत्वाकांक्षाएं ऊंची हैं. हमारी प्रतिबद्धता गहरी. और हमारे प्रयास और भी बड़े. यह रिलायंस और भारत के लिए मेरा सपना है.’
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युवाओं को उचित माहौल दें. उन्हें प्रेरित करें. उन्हें वह समर्थन प्रदान करें जिसकी उन्हें आवश्यकता है. उनमें से प्रत्येक के पास ऊर्जा का अनंत स्रोत है. वे वितरित करेंगे.
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