नयी दिल्ली: अक्टूबर में डीजल की रिकॉर्ड बिक्री हुई है, तो कोल इंडिया का उत्पादन भी बढ़ा है. भारत में डीजल की बिक्री कोविड-पूर्व के स्तर को पार कर गयी है, जबकि कोयला के उत्पादन में 6.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी. महामारी शुरू होने के बाद से केवल दूसरी बार हुआ है, जब डीजल की इतनी बिक्री हुई है.
इसकी वजह त्योहारी सीजन से पहले औद्योगिक गतिविधियों के तेज होने के साथ ईंधन की मांग बढ़ना है. प्रारंभिक बिक्री के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की डीजल बिक्री 58.6 लाख टन थी, जो 2019 में इसी महीने की तुलना में 1.3 प्रतिशत अधिक थी.
इससे पहले अक्टूबर, 2020 में भी डीजल की बिक्री महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गयी थी. हालांकि, अक्टूबर 2021 की बिक्री पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 5.08 प्रतिशत कम है. भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत में डीजल की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है.
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आंकड़ों के अनुसार, पेट्रोल की बिक्री अक्टूबर, 2021 में एक साल पहले की तुलना में करीब चार प्रतिशत वृद्धि के साथ 24.8 लाख टन रही. पेट्रोल की खपत इस साल की शुरुआत में महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गयी थी.
कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत से पहले मार्च में ईंधन की मांग लगभग सामान्य स्तर पर पहुंच गयी थी. हालांकि, विमान ईंधन एटीएफ की मांग में गिरावट जारी है. अक्टूबर में एटीएफ की बिक्री 4,34,600 टन रहीं, जो महामारी-पूर्व के 2019 के स्तर से 34 प्रतिशत कम है. अक्टूबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री भी छह प्रतिशत बढ़कर 25 लाख टन हो गयी.
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का उत्पादन अक्टूबर में सालाना आधार पर 6.4 प्रतिशत बढ़कर 4.98 करोड़ टन पर पहुंच गया. देश के बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी के बीच यह एक अच्छी खबर है. अक्टूबर, 2020 में कंपनी ने 4.68 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया था.
चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह अप्रैल-अक्टूबर में कोल इंडिया का उत्पादन 5.9 प्रतिशत बढ़कर 29.96 करोड़ टन पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान अवधि में 28.28 करोड़ टन रहा था. कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट के जरिये कोल इंडिया के प्रयासों की सराहना की. देश के कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है. कंपनी का 2023-24 तक एक अरब डॉलर का उत्पादन हासिल करने का लक्ष्य है.
Posted By: Mithilesh Jha
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