Digital Transaction in India: भारत में डिजिटल ट्रांजैक्सन काफी तेजी से मजबूत होता जा रहा है. जब से देश में डिजिटल भुगतान की शुरुआत हुई है तब से लेकर अब तक इसमें कई तरह के बड़े बदलाव हो चुके हैं. अब ग्राहक कैश की जगह डिजिटल भुगतान पर निर्भर करने लगे हैं. सरकार भी काफी तेजी से देश को डिजिटलीकरण की तरफ लेकर जाने में लगी हुई है. हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आयी है जिससे पता चलता है कि भारत में जुलाई से लेकर सितम्बर महीने के बीच 38,320 अरब रुपये का लेन-देन हो चुका है.
डिजिटलीकरण पर जोर के साथ देश में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है. इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), डेबिट और क्रेडिट कार्ड तथा मोबाइल वॉलेट जैसे प्रीपेड भुगतान उत्पादों के माध्यम से 38,320 अरब रुपये के डिजिटल लेन-देन हुए हैं. वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनी वर्ल्डलाइन इंडिया ने एक रिपोर्ट में यह कहा. मूल्य और मात्रा दोनों हिसाब से डिजिटल लेन-देन में यूपीआई आधारित लेन-देन का दबदबा है.
तीसरी तिमाही के लिये इंडिया डिजिटल भुगतान रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई के जरिये कुल 32,500 अरब रुपये के 19.65 अरब लेन-देन हुए. रिपोर्ट में कहा गया है- सालाना आधार पर लेन-देन संख्या और मूल्य दोनों लगभग दोगुने हुए हैं. संख्या के मामले में 2022 की तीसरी तिमाही में 88 प्रतिशत और मूल्य के मामले में 71 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है.
वर्ल्डलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रमेश नरसिम्हन ने कहा- डिजिटल भुगतान धीरे-धीरे… हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन रहा है. प्रत्येक तिमाही के साथ डिजिटल भुगतान तेजी से बढ़ रहा है. यूपीआई, कार्ड, प्रीपेड भुगतान उत्पाद जैसे लोकप्रिय भुगतान साधन पहले से ही एक तिमाही में 23 अरब से अधिक लेनदेन हो रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार मुंबई, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश शीर्ष पांच राज्य हैं, जहां सबसे अधिक डिजिटल लेन-देन हुए. सूची में बेंगलुरु सबसे ऊपर है. (भाषा इनपुट के साथ)
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