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Diwali: इस त्योहार हो जाएं सतर्क! मोबाइल से पेमेंट करते समय रखें इन बातों का ध्यान

Diwali: त्योहार के मौके पर सभी लोग कहीं शॉपिंग या ट्रिप का प्लान बनाते है तो आपके लिए एक बड़ी अपडेट है. दिवाली जैसे त्योहार पर कई प्रकार का फ्रॉड होते है उसी में से एक हैं यूपीआई फ्रॉड. इस स्थिति में आपको सावधानी बरतने की जरूरत है. तो चलिए आपको बताते है ऐसे पांच प्रकार का फ्रॉड जिसे आप बच सकते है दूसरे को भी सलाह दे सकते हैं.

Diwali: डिजिटल युग में ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स और डिजिटल वॉलेट्स हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा बन चुके हैं. लेकिन जितनी तेजी से डिजिटल सुविधाएं बढ़ रही हैं, उतनी ही तेजी से साइबर ठगी भी बढ़ रही है. ठग नए-नए तरीके अपना रहे हैं, जैसे नकली पेमेंट स्क्रीनशॉट, फर्जी यूपीआई क्यूआर कोड, दोस्त बनकर पैसे मांगना, और स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप्स का दुरुपयोग. आइए जानते हैं कि ये साइबर ठगी के तरीके कैसे काम करते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है.

1. नकली पेमेंट स्क्रीनशॉट

साइबर ठगी का सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका है नकली पेमेंट स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल. ठग खरीदार बनकर किसी भी विक्रेता को नकली पेमेंट का स्क्रीनशॉट भेज देते हैं, जिससे उन्हें लगता है कि पेमेंट हो चुका है. असल में पेमेंट उनके खाते में नहीं पहुंचता. ठग एडिटिंग सॉफ्टवेयर या कुछ विशेष ऐप्स का उपयोग कर नकली पेमेंट स्क्रीनशॉट तैयार करते हैं. यह ठगी विशेष रूप से ऑनलाइन मार्केटप्लेस के विक्रेताओं को निशाना बनाती है, जहां खरीदार नकली स्क्रीनशॉट दिखाकर उत्पाद या सेवा प्राप्त कर लेते हैं.

बचाव का तरीका: हमेशा बैंक या डिजिटल वॉलेट ऐप के जरिए सीधे पेमेंट की पुष्टि करें. सिर्फ स्क्रीनशॉट पर भरोसा न करें. प्रत्येक ऐप में इनकमिंग और आउटगोइंग पेमेंट्स का सेक्शन होता है, जहां से आप आसानी से पुष्टि कर सकते हैं कि भुगतान किया गया है या नहीं.

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2. फर्जी यूपीआई क्यूआर कोड

यूपीआई (Unified Payment Interface) ठगी भी काफी आम हो चुकी है, जिसमें ठग नकली क्यूआर कोड भेजते हैं और पीड़ितों को अनजाने में पैसे भेजने के लिए फंसा लेते हैं. ठग एक क्यूआर कोड भेजते हैं और दावा करते हैं कि इसे स्कैन करने पर पैसा आपको मिलेगा, जबकि वास्तविकता में स्कैन करते ही पैसा पीड़ित के खाते से निकल जाता है.

बचाव का तरीका: ध्यान रखें, किसी क्यूआर कोड को स्कैन करना हमेशा भुगतान के लिए होता है, न कि प्राप्त करने के लिए. अनजान लोगों या यहां तक कि परिचितों से आने वाले किसी भी क्यूआर कोड को स्कैन करने से पहले सावधानी बरतें. सही यूपीआई ट्रांजैक्शन में पैसे प्राप्त करने के लिए सिर्फ फोन नंबर या यूपीआई आईडी की ही जरूरत होती है.

3. दोस्त बनकर पैसे मांगना

एक अन्य सामान्य ठगी का तरीका यह है कि ठग सोशल मीडिया या मैसेजिंग ऐप्स पर किसी परिचित का अकाउंट हैक या डुप्लिकेट कर लेते हैं. फिर वह आपके दोस्त बनकर आपसे पैसे मांगते हैं. ठग इमरजेंसी का हवाला देकर पैसे मांगते हैं और जल्द लौटाने का वादा करते हैं.

बचाव का तरीका: अगर आपको किसी दोस्त से पैसे मांगने का कोई मैसेज आता है, खासकर अगर वह असामान्य लगे, तो हमेशा उस व्यक्ति से किसी अन्य माध्यम, जैसे फोन कॉल, के जरिए पुष्टि करें. ठग भावनाओं का फायदा उठाते हैं, इसलिए ठंडे दिमाग से काम लेना आपको नुकसान से बचा सकता है.

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4. स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप्स

स्क्रीन मॉनिटरिंग या रिमोट एक्सेस ऐप्स का उपयोग सामान्यतः वैध कार्यों के लिए होता है, लेकिन ठग इनका उपयोग आपकी स्क्रीन तक पहुंच पाने के लिए करते हैं. एक बार जब वे आपके फोन की स्क्रीन देख सकते हैं, तो वे आपकी संवेदनशील जानकारी जैसे बैंकिंग डिटेल्स और अन्य निजी जानकारी चुरा सकते हैं.

बचाव का तरीका: कभी भी अनजान व्यक्ति या अज्ञात स्रोतों से स्क्रीन मॉनिटरिंग ऐप्स इंस्टॉल न करें और किसी को भी आपके डिवाइस की स्क्रीन को एक्सेस करने की अनुमति न दें.

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