मुंबई : विमानन सलाहकार कंपनी सीएपीए ने गुरुवार को कहा कि लॉकडाउन समाप्त किये जाने को लेकर देश में बनी असमंजस की स्थिति के बीच घरेलू विमानन कंपनियों ने आगामी 15 अप्रैल से यात्रा के लिए टिकटों की अग्रिम बुकिंग की जा रही है, जो देश में लॉकडाउन का फैसला लेने के बाद उपभोक्ताओं के लिए ‘अनुचित’ है. हालांकि, लॉकडाउन के दौरान नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की अनुमति के बाद केवल विशेष परिस्थिति में लोगों की निकासी, देश के विभिन्न हिस्सों में चिकित्सा उपकरणों और जरूरी सामानों की आपूर्ति के लिए कार्गो विमानों का परिचालन किया जा रहा है.
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बता दें कि सरकार ने अभी देश में लॉकडाउन को समाप्त करने के बारे में कोई फैसला नहीं किया है, जबकि भारतीय एयरलाइंस कंपनियों ने 15 अप्रैल से घरेलू उड़ानों पर यात्रा के लिए बुकिंग शुरू कर दी है. एयर इंडिया ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए टिकटों की बिक्री को 30 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया है.
सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक एविएशन (CAPA) ने कहा कि 14 अप्रैल से अग्रिम बुकिंग खोलने की अनुमति और संक्रमण काल के संभावित ढांचे को उठाने के फैसले के बाद लॉकडाउन की तुरंत समीक्षा करने की जरूरत है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं के लिए अनुचित है.
तत्कालीन किंगफिशर एयरलाइंस और अब घाटे में चल रही जेट एयरवेज के उदाहरणों का हवाला देते हुए सीएपीए ने कहा कि इन दोनों एयरलाइंस के बंद होने से यात्रियों को पहले ही बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है, क्योंकि अब तक यात्रियों के किराये का रिफंड सुनिश्चित नहीं किया जा सका है. नतीजतन, यात्रियों को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. गौरतलब है कि किंगफिशर एयरलाइंस 2012 में बंद हो गयी, जबकि जेट एयरवेज ने पिछले साल अप्रैल में नकदी संकट के कारण अपना परिचालन बंद कर दिया था.
सीएपीए ने कहा कि जब लॉकडाउन हटा लिया जाता है और संक्रमण काल के बने रहने की जानकारी है, तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय को केवल उन सेक्टरों पर बुकिंग को फिर से खोलने की अनुमति देनी चाहिए, जो संक्रमण के दौरान भारतीय एयरलाइंस द्वारा संचालित किये जाएंगे, पूरे नेटवर्क पर नहीं.
सीएपीए का कहना है कि एयरलाइंस कंपनियां ग्राहकों को अपनी वैधता के साथ क्रेडिट वाउचर स्वीकार करने के लिए मजबूर कर रही है. कुछ मामलों में तो एक साल तक के लिए क्रेडिट वाउचर लेने की बात कही जा रही है. उसने कहा कि लॉकडाउन से पहले की सभी अग्रिम बुकिंग के लिए क्रेडिट वाउचर देना अपेक्षित था और यह उचित है, लेकिन अप्रैल के बाद की बुकिंग के लिए तो यह अनुचित ही है.
अधिकांश विमानन कंपनियों ने घरेलू खिलाड़ियों समेत उन ग्राहकों को पैसा वापस करने से इनकार दिया है, जिनकी उड़ानें 21-दिन के लॉकडाउन के मद्देनजर सभी वाणिज्यिक यात्री और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया गया है. फिलहाल, भारत में आठ यात्री विमानन कंपनियां हैं, इनमें इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, एयरएशिया इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एलायंस एयर शामिल हैं.