ITR Filing: फर्जी रेंट रसीद जमा कराई तो पकड़ लेगा आयकर विभाग, फिर होगा बड़ा नुकसान

ITR Filing: आईटीआर (ITR) में रेंट रसीद मकान का किराया दर्शाने के लिए दिया जाता है. आयकर नियमों के अनुसार, कोई भी आयकरदाता (Income Taxpayers) आईटीआर में हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) का दावा तभी कर सकता है, जब उसे कंपनी की ओर से हाउस रेंट अलाउंस दिया जा रहा हो.

By KumarVishwat Sen | July 15, 2024 6:25 PM

ITR Filing: आयकर रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है. टैक्स बचत (Tax Saving) करने के लिए कई लोग सही तरीके का इस्तेमाल करते हुए आईटीआर फॉर्म के साथ आवश्यक दस्तावेज जमा कराते हैं. कुछ लोग गलत रास्ता अख्तियार करते हुए फर्जी रेंट रसीद (Fake Rent Receipt) या अन्य फर्जी दस्तावेज (Fake Documents)जमा करा देते हैं. ऐसा करके वे समझते हैं कि आयकर विभाग (Income Tax Department) उनकी करतूत को पकड़ नहीं सकेगा. ऐसा सोचना बिल्कुल गलत है. आयकरदाताओं (Tax payers) की ओर से आईटीआर दाखिल करने में किसी भी गड़बड़ी को आयकर विभाग बड़ी आसानी से पकड़ लेता है. इसके बाद वह संबंधित व्यक्ति को ईमेल के जरिए सूचित करता है. बड़ी हेराफेरी करने पर जुर्माना (Fine) भी ठोक देता है.

ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024

आयकर विभाग ने आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2024 निर्धारित की है. इसके बाद आईटीआर दाखिल करने पर आयकरदाताओं को प्रत्येक दिन के हिसाब से लेटफाइन का भुगतान करना होगा. आईटीआर फाइल करने के बाद उसके वेरिफिकेशन के लिए आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को 30 दिन का समय देता है. इस 30 दिन का समय आईटीआर दाखिल करने की डेट से शुरू होता है. 30 दिन के अंदर वेरिफिकेशन नहीं करने पर भी फाइन भरना पड़ता है.

ITR में फर्जीवाड़ा पकड़ने के लिए आयकर विभाग सचेत

आईटीआर में होने वाले फर्जीवाड़े पर शिकंजा कसने के लिए आयकर विभाग ने पुख्ता इंतजाम कर लिया है. कोई भी आयकरदाता गलत तरीकों का इस्तेमाल करते हुए फर्जी दस्तावेज जमा कराएगा, तो आयकर विभाग उसकी झट से पहचान कर लेगा. हाल ही में आयकर विभाग ने एक ऐसा ही फर्जीवाड़ा पकड़ा है. खासकर, उसकी पैनी नजर फर्जी रेंट रसीद जमा कराने वालों पर टिकी है. इसके लिए उसने पूरी तैयारी कर ली है.

ITR में रेंट रसीद जमा कराने का क्या है नियम

आईटीआर (ITR) में रेंट रसीद मकान का किराया दर्शाने के लिए दिया जाता है. आयकर नियमों के अनुसार, कोई भी आयकरदाता (Income Taxpayers) आईटीआर में हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) का दावा तभी कर सकता है, जब उसे कंपनी की ओर से हाउस रेंट अलाउंस दिया जा रहा हो. हाउस रेंट अलाउंस को संक्षेप में एचआरए भी कहते हैं. कोई आयकरदाता अगर 1 लाख रुपये से अधिक मकान किराए के रूप में भुगतान करता है, तो उसे मकान मालिक का पैन नंबर (PAN Number) भी देना होगा. इसी हाउस रेंट अलाउंस का दावा करने के लिए कई आयकरदाता फर्जी रेंट रसीद जमा करा देते हैं. पैन नंबर से जुड़े सारे लेनदेन एआईएस फॉर्म में दर्ज होता है. आयकरदाता के दावे और एआईएस फॉर्म में दर्ज ब्योरे में अंतर पाए जाने पर आयकर विभाग तुरंत ही नोटिस भेज देता है.

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ITR दस्तावेज में फर्जी रेंट रसीद को कैसे पकड़ता है आयकर विभाग

आयकर विभाग भी दूसरे विभागों और संस्थानों की तरह किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की छानबीन करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर रहा है. एआई के माध्यम से आयकर विभाग फर्जी रेंट रसीद को पहचान ले रहा है. इसके लिए आयकर विभाग फॉर्म-16 का एआईएस फॉर्म और फॉर्म-26एएस के साथ मिलान करता है. इन फॉर्म में दर्शाए गए ब्योरे में अंतर दिखाई देता है, तब आयकर विभाग संबंधित आयकरदाता को ईमेल के जरिए नोटिस भेजकर ताकीद करता है.

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