DoT On Wireless Jammers Sale: दूरसंचार विभाग ने ई-कॉमर्स कंपनियों को वायरलेस जैमर और नेटवर्क बूस्टर जैसे कुछ दूरसंचार उपकरण बेचने के प्रति आगाह किया है. इस तरह के उपकरण बेचने के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है.
सोमवार को एक सरकारी बयान में यह जानकारी दी गई है. दूरसंचार विभाग ने पिछले 4-5 साल में कई बार इस मुद्दे को उठाया है, और यहां तक कि इन उपकरणों की अवैध बिक्री को रोकने के लिए छापेमारी भी की है.
दूरसंचार विभाग ने बयान में कहा, सेल्युलर सिग्नल जैमर, जीपीएस ब्लॉकर या अन्य सिग्नल जाम करने वाले उपकरणों का उपयोग आम तौर पर अवैध है, बशर्ते कि सरकार द्वारा विशेष रूप से इसकी अनुमति न दी गई हो. कोई निजी कंपनी या निजी व्यक्ति भारत में जैमर की खरीद या उसका उपयोग नहीं कर सकता.
विभाग ने कहा कि भारत में सिग्नल रोकने वाले उपकरणों का विज्ञापन, बिक्री, वितरण, आयात या बाजार में इसकी बिक्री करने के संबंध में कोई संकेत देना गैरकानूनी है. उपरोक्त नोटिस की एक प्रति वाणिज्य मंत्रालय, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सीमा शुल्क विभाग को भी उचित कार्रवाई के लिए भेजी गई थी.
दूरसंचार उद्योग निकाय, सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा है कि आम लोग इस बात से अनजान हैं कि वायरलेस टेलीग्राफी कानून, 1933 और इंडिया टेलीग्राफ कानून, 1885 के तहत मोबाइल सिग्नल बूस्टर (एमएसबी) खरीदना, बेचना, लगाना और रखना एक अवैध और दंडनीय अपराध है.
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