भारत में इस साल त्योहारी सीजन ई-कॉमर्स में दिखेगी हरियाली, 90,000 करोड़ रुपये के बिक्री की उम्मीद

मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स ने अपने रिपोर्ट में दावा किया है कि त्योहारी सीजन संभावित रूप से मार्जिन के मामले में अब तक का सबसे सफल सीजन रहने की संभावना है.

By Madhuresh Narayan | September 15, 2023 1:33 PM

भारत में त्योहारी सीजन में खुदरा बाजार के साथ ऑनलाइन बाजार (E-Commerce Company) को भी बड़ी उम्मीद है. आगामी त्योहारी सीजन के दौरान ऑनलाइन बिक्री में सालाना आधार पर 18-20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार 90 हजार करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद की जा रही है. मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स ने अपने रिपोर्ट में दावा किया है कि त्योहारी सीजन संभावित रूप से मार्जिन के मामले में अब तक का सबसे सफल सीजन रहने की संभावना है. इसे भारतीय बाजार में डिमांड और विनिर्माण की तेजी को देखते किया जा रहा है. रेडसीर ने रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि भारत ईटेलिंग के 2023 त्योहारी महीने का जीएमवी (सकल व्यापारिक मूल्य) करीब 90,000 करोड़ रुपये रहेगा जो पिछले साल के त्योहारी महीने की बिक्री से 18-20 प्रतिशत अधिक है.

सेल का ग्राहकों को रहता है इंतजार

त्योहारी सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा बड़े सेल का आयोजन किया जाता है. इन सेल का इंतजार ग्राहकों को काफी वक्त से रहता है. मार्केट रिसर्च फर्म रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इस त्योहारी सीजन कम से कम 14 करोड़ लोग ई-कॉमर्स कंपनियों के माध्यम से खरीदारी कर सकते हैं. इस साल त्योहारी मौसम में ई-कॉमर्स बिक्री के बढ़ने की उम्मीद है. इससे, ऑनलाइन खरीदारों की संख्या में वृद्धि तथा तीन साल की चुनौतीपूर्ण अवधि के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने में मदद मिलने की बड़ी उम्मीद की जा रही है. 2014 में पूरे वर्ष ई-कॉमर्स का सकल व्यापारिक मूल्य (GMV) उद्योग 27,000 करोड़ रुपये था और 2023 में इसके करीब 5.25 लाख करोड़ रुपये रहने की उम्मीद है.

इलेक्ट्रॉनिक सामानों की अधिक बिक्री की उम्मीद

ऑनलाइन बाजार पर आधारित रिपोर्ट को लेकर रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के साझेदार मृगांक गुटगुटिया ने बताया कि त्योहारी सीजन में इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री ज्यादा होती है. पिछले कई वर्षों में त्योहारी बिक्री की तुलना से श्रेणी में विविधीकरण प्रवृत्ति स्पष्ट दिखती है. इसके जारी रहने से हम इस त्योहारी अवधि में फैशन, सौंदर्य व व्यक्तिगत देखभाल, घरेलू तथा सामान्य माल और अन्य गैर-इलेक्ट्रॉनिक्स श्रेणियों से जीएमवी योगदान में वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं. ऐसे में ई-कॉमर्स कंपनियों ने पहले से बाजार में इलेक्ट्रॉनिक सामानों की बिक्री की तैयारी कर ली है. इस बीच कंपनियों के सामने एक सबसे बड़ा चैलेज ग्राहकों को सही समय पर सामान की सही डिलिवरी करना भी है.

फ्लिपकार्ट का त्योहारी सीजन से पहले एक लाख से अधिक अस्थायी रोजगार देने का लक्ष्य

घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने सोमवार को कहा कि उसने त्योहारी सीजन से पहले एक लाख से अधिक मौसमी (अस्थायी) रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है. कंपनी ने कहा कि मांग को पूरा करने के लिए उसकी आपूर्ति श्रृंखला में ये भर्तियां की जाएंगी. फ्लिपकार्ट ने बयान में कहा कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष, दोनों तरह के रोजगार में स्थानीय किराना आपूर्ति साझेदार और महिलाएं शामिल होंगी. इनमें विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) को भी नियोजित किया जाएगा. कंपनी को त्योहारी सत्र से पहले अपनी आपूर्ति श्रृंखला में एक लाख से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है. फ्लिपकार्ट समूह के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हेमंत बद्री ने कहा कि द बिग बिलियन डेज (टीबीबीडी) की बिक्री बड़े पैमाने पर होती है और इसका भारत के नवाचार और पारिस्थितिकी तंत्र पर असर होता है. इससे लाखों नए ग्राहकों को ई-कॉमर्स की अच्छाई का अनुभव करने का मौका मिलता है. फ्लिपकार्ट टीबीबीडी बिक्री के दौरान शीर्ष ब्रांड के उत्पादों पर छूट देती है.

क्यों कंपनियां लाती है ऑनलाइन सेल

ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा ऑनलाइन सेल लाने के दो मुख्य मकसद है. इसमें से एक है बड़ा कारण सेल को बढ़ाना और ग्राहकों को अपने साथ जोड़ना होता है. अधिकांश कंपनियां आजकल ऑनलाइन प्लेटफार्मों का उपयोग कर रही हैं ताकि वे अपने उत्पादों और सेवाओं को व्यापक और सुलभता से विपणन कर सकें. कंपनियां ऑनलाइन सेल अनेक कारणों से अपनी उत्पादों और सेवाओं को विपणन करती हैं.

  1. व्यापक उपलब्धता: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विश्वभर में उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभता प्रदान करती हैं. उपयोगकर्ताएं आसानी से घर बैठे उत्पादों और सेवाओं की खोज कर सकती हैं और इन्हें खरीद सकती हैं.

  2. अधिक व्यक्तिगतीकरण: ऑनलाइन बिजनेस प्लेटफार्में उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत आंकड़ों और पसंदों को ट्रैक कर सकती हैं जिससे व्यक्तिगत सिफारिशें और सेवाएं उपयोगकर्ताओं को अनुकूलित की जा सकती हैं.

  3. वित्तीय प्रभावकारिता: ऑनलाइन बिजनेसेस व्यक्तिगत खर्च को कम कर सकते हैं, जैसे की व्यवस्थापन और विपणन के लिए भूमि किराया, ज्ञात और अज्ञात लाभ और अन्य संबंधित खर्चों में कमी.

  4. विपणन के विस्तार का एक साधन: ऑनलाइन विपणन कंपनियों को विपणन नेटवर्क को विस्तारित करने का एक और तरीका प्रदान करता है जिससे वे अपने उत्पादों को विभिन्न स्थानों तक पहुंचा सकती हैं.

  5. सांविदानिक उद्देश्य: ऑनलाइन विपणन प्लेटफार्में विपणन कार्यों को अधिक सुस्त और संविदानिक बना सकती हैं. ये उपयोगकर्ताओं को बेहतर सूचित कर सकती हैं और उनकी स्थिति और विकल्पों को अधिक स्पष्ट बना सकती हैं.

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