कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं होते, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारो… शेयर बाजार की दिग्गज कविता पर यह पंक्ति पूरी तरह फिट बैठती है. आज से करीब 11 साल पहले कविता ने शेयर बाजार में एंट्री की थी, और देखते ही देखते वो बाजार की माहिर खिलाड़ी बन गई. आज कविता का पोर्टफोलियो 2 करोड़ से अधिक का है. पेश से आईटी सेक्टर से ताल्लुक रखने वाली कविता आज कई लोगों के लिए प्रेरणा हैं.
मिंट में आयी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कविता पश्चिम बंगाल के बर्दवान की रहने वाली है. वो फिलहाल एक ऑस्ट्रेलियाई कंपनी में आईटी पेशेवर के रूप में काम कर रही हैं, लेकिन इसके बाद भी वो एक सफल ट्रेडर हैं. उन्होंने ऑप्शन और फ्यूचर ट्रेड में कई झंडे गाड़े हैं. जिस ऑप्शन ट्रेड में कई दिग्गजों के भी पसीने छूट जाते हैं कविता के लिए वो लाल हरे कैंडल सफलता की सीढ़ी हैं.
कम उम्र में समझी पैसे की कीमत: मिंट के मुताबिक, कविता ने बहुत कम उम्र में पैसे कमाने की कीमत और उसे बचाने की कला दोनों सीख ली थी. कविता बचपन से पढ़ने-लिखने में काफी तेज थी.महज 14 साल की उम्र में उन्होंने ट्यूशन सत्र चलाना शुरू कर दिया था. मिंट से बात करते हुए खुद कविता ने कहा कि जब मैं छोटी थी, मेरे दादा-दादी और रिश्तेदार मुझे प्यार की निशानी के रूप में पैसे देते थे तो उसे वो अपनी मां को दे देती थी, कविता ने कहा कि इसके बदले मां उन्हें कुछ ब्याज राशि देती थी.
पैसे बचाने की सीखनी चाहिए कला-कविता: कविता कहती है कि जीवन की शुरुआत से ही हमे पैसे के महत्व को समझना चाहिए. उन्होंने अपने माता-पिता के प्रति आभार जताते हुए कहा कि माता-पिता का समर्थन सफलता का निर्णायक कारक है. वह कहती हैं कि उनके माता-पिता ने उन्हें सिखाया कि कोई भी अपनी खर्च करने की आदतों पर नियंत्रण रखकर पैसे बचा सकता है. अपने स्ट्रगल के बारे में उन्होंने कहा कि एक समय था कि उनके पिता के पास हॉस्टल फी भरने के पैसे नहीं थे इस कारण हर दिन वो 3 घंटे बस में बैठकर कॉलेज आना-जाना करती थी.
नौकरी के बाद शुरू हुआ ट्रेडिंग का सफर: पढ़ाई पूरी करने के बाद कविता को पुणे स्थित एक आईटी कंपनी नौकरी मिली. यहीं पर पहली बार कविता को ट्रेडिंग की जानकारी मिली. दरअसल, उसके कुछ साथी ट्रेड किया करते थे. इसके बाद कविता की भी दिलचस्पी शेयर बाजार में बढ़ती गई. शुरूआत में कविता ने शेयर बाजार को अतिरिक्त आय के लिए माध्यम के रूप में चुना. लेकिन जल्द ही समझ गई कि बाजार कितना पैसा दे सकता है. बस क्या था कविता मेधावी छात्रा तो थी ही जल्द ही वो ट्रेड की बारीकियों को समझती चली गई.
लोन लेकर बढ़ाया पोर्टफोलियो: शेयर बाजार समझने के बाद कविता का रुझान इंट्राडे ट्रेडिंग की ओर हो गया. शुरुआत में उन्होंने ऑप्शन ट्रेड के जरिए 4 से 5 सौ रुपये का मुनाफा कमाया. इसके बाद उन्होंने लोन लेकर पोर्टफोलियो बढ़ाने का विचार किया. कविता ने 3 लाख का लोन भी ले लिया. लोन लेने का फैसला उनके जीवन का बड़ा और सही फैसला साबित हुआ. हालांकि जब लोन की जानकारी उनके माता-पिता को हुई तो उन्होंने चिंता भी जाहिर किया. लेकिन तब तक कविता के 20 लाख रुपये के हो चुके पोर्टफोलियो ने सारी चिंता दूर कर दी.
इंट्राडे ट्रेन ने दिलाई खासी कमाई: कविता ने ऑप्शन ट्रेड की हर बारिकियों को बेहतर तरीके से समझा है. वो सफल ट्रेडर हैं. पॉजिटिव माइंड सेट के साथ वो निरंतर आगे बढ़ रही हैं. कविता ने खुद को पोजीशनल ट्रेडर बताते हुए साप्ताहिक और मासिक ऑप्शन पर ट्रेड करती है.
Also Read: जॉब के अलावा करना चाहते हैं अतिरिक्त कमाई, एक्सपर्ट बता रहे हैं आसान उपाये
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.