पेरिस : चीन से दुनिया भर में पसरे कोरोना वायरस की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक बार फिर 2008 जैसी आर्थिक मंदी लौट सकती है. सोमवार को आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने कहा कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के फैलने से इस तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट आ सकती है. 2008 में उपजे अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के बाद पहली बार ऐसा होगा.
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) ने कोरोना वायरस के प्रभाव को लेकर सोमवार को जारी एक विशेष रिपोर्ट में कहा कि अभी भी यह उम्मीद की जा रही है कि इस साल कुल मिलाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था में वृद्धि जारी रहेगी और अगले साल इसमें और तेजी आयेगी. हालांकि, संगठन ने 2020 के लिए वैश्विक आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को करीब आधा फीसदी कम करके 2.4 फीसदी कर दिया है.
ओईसीडी ने कहा कि यदि कोरोना वायरस दुनिया में व्यापक तौर पर फैल जाता है और लंबे समय तक इसका असर रहता है, तो यह वृद्धि 1.5 फीसदी तक भी रह सकती है. वैश्विक जीडीपी में इससे पहले तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 2008 के अंत में गिरावट दर्ज की गयी थी. उस समय दुनिया में वित्तीय संकट गहरा गया था. यदि वार्षिक आधार पर बात की जाए, तो 2009 में विश्व अर्थव्यवस्था में गिरावट आयी थी.
ओईसीडी ने कहा कि चीन में उत्पादन घटने का असर खासतौर पर एशिया पर तो पड़ ही रहा है. इसके साथ ही, वह कंपनियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं, जो कि उसके माल पर निर्भर हैं. इस बीच, समाचार एजेंसी एएफपी की एक खबर के मुताबिक, समूह-7 (जी-7) और यूरोक्षेत्र के वित्त मंत्री बुधवार को आपस में फोन पर बातचीत करेंगे. मंत्री आपस में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर चर्चा करेंगे और उठाये जा रहे कदमों को लेकर समन्वय स्थापित करेंगे. फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रुनो ली मायरे ने सोमवार को यह जानकारी दी.
मायरे ने फ्रांस-2 टेलीविजन पर कहा, ‘हमारे बीच यह बातचीत फोन पर होगी (क्योंकि आपको ज्यादा यात्रा करने से बचना चाहिए). यह समूह 7 (जी7) के बीच कोरोना वायरस को देखते हुए आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए होगी.’ उन्होंने कहा कि इस प्रकार की एक बातचीत बुधवार को यूरोक्षेत्र के वित्त मंत्रियों के बीच भी होगी. इसमें भी समन्वित कार्रवाई को लेकर निर्णय किया जायेगा.
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