आरबीआई के नए गवर्नर के लिए अर्थव्यवस्था अहम, संजय मल्होत्रा ने बताई अपनी मंशा
RBI Governor: 56 वर्षीय संजय मल्होत्रा फिलहाल वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हैं. सरकार ने सोमवार शाम को उन्हें केंद्रीय बैंक का गवर्नर नियुक्त करने लिए नामित किया था. वह निवर्तमान गवर्नर शक्तिकान्त दास का स्थान लेंगे.
RBI Governor: आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के नवनियुक्त गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार 11 दिसंबर 2024 को अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा है कि उनके लिए अर्थव्यवस्था अहम है. उन्होंने कहा कि आरबीआई के गवर्नर का पदभार संभालने के बाद वह सभी नजरियों को समझने और अर्थव्यवस्था के लिए सर्वोत्तम काम करने की कोशिश करेंगे. वित्त मंत्रालय के बाहर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए संजय मल्होत्रा ने कहा कि किसी को भी (इस पद पर काबिज) क्षेत्र, सभी दृष्टिकोणों को समझना होगा और अर्थव्यवस्था के लिए सर्वोत्तम करना होगा.
नए गवर्नर के लिए धीमी वृद्धि दर और महंगाई सबसे बड़ी चुनौती
56 वर्षीय संजय मल्होत्रा फिलहाल वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हैं. सरकार ने सोमवार शाम को उन्हें केंद्रीय बैंक का गवर्नर नियुक्त करने लिए नामित किया था. वह निवर्तमान गवर्नर शक्तिकान्त दास का स्थान लेंगे. राजस्थान के 1990 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास बिजली, वित्त और कराधान जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ सार्वजनिक नीति में तीन दशक से अधिक का अनुभव है. वह ऐसे समय में केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं, जब अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि दर और बढ़ती महंगाई की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है.
आरबीआई पर रेपो रेट में कटौती का दबाव
शक्तिकांत दास ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए मानक ब्याज दर को करीब दो साल तक अपरिवर्तित रखा. संजय मल्होत्रा की छवि सभी के साथ मिलकर काम करने वाली है. वह मानते हैं कि कीमतों को अकेले केंद्रीय बैंक प्रबंधित नहीं कर सकता है और इसके लिए सरकारी मदद की भी जरूरत है. वह ऐसे समय केंद्रीय बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं, जब आरबीआई पर आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने के लिए प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट में कटौती का दबाव है.
इसे भी पढ़ें: म्यूचुअल फंड एसआईपी निवेशकों ने छाप दिए पैसे, होश उड़ा देंगे ये सालभर के आंकड़े
5.4% पर जीडीपी वृद्धि
जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर जुलाई-सितंबर में घटकर सात तिमाहियों में सबसे निचले स्तर 5.4% पर रही है. वहीं, अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21% पर पहुंच गई है. सरकार ने आरबीआई को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को 2% घट-बढ़ के साथ 4% पर रखने का लक्ष्य दिया है.
इसे भी पढ़ें: बांग्लादेश को भारत से दुश्मनी पड़ेगी भारी, दूध-पानी हो जाएगा बंद
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.