मुख्य आर्थिक सलाहकार के वी सुब्रमण्यम ने आज वर्ष 2021-22 के दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े जारी करते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिल रही है और उम्मीद है कि साल के अंत तक भारत की वृद्धि दर 10 प्रतिशत तक पहुंच सकती है.
के वी सुब्रमण्यम ने आज कहा कि मजबूत बैंकिंग क्षेत्र के दम पर चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर दहाई अंक में रहने की उम्मीद है. उन्होंने आज चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी होने के अवसर पर कहा कि कई कारकों ने आर्थिक वृद्धि को मजबूती दी है जिसकी वजह से चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 10 प्रतिशत या उससे ज्यादा भी हो सकती है.
गौरतलब है कि आंकड़ों के अनुसार जुलाई-सितंबर 2021 के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 8.4 प्रतिशत रही और अर्थव्यवस्था कोविड-पूर्व के स्तर से आगे निकल गयी. सुब्रमण्यम के मुताबिक, वृद्धि का यह सिलसिला आगे भी कायम रहने की संभावना है.
के वी सुब्रमण्यम ने उम्मीद जतायी है कि अगले वित्तीय वर्ष में भी वृद्धि दर में आशानुरूप तेजी बनी रहेगी और उम्मीद है कि यह 6.5-7 फीसदी के बीच रहे. राजकोषीय घाटे के बारे में उन्होंने कहा कि इसे जीडीपी के 6.8 प्रतिशत पर रोकने का प्रयास किया जायेगा.
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वहीं आज राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने एक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी की है जिसके अनुसार 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 10.3 प्रतिशत थी. सर्वेक्षण से यह भी पता चला कि शहरी क्षेत्रों (15 वर्ष और उससे अधिक उम्र) में महिलाओं की बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2021 में बढ़कर 11.8 प्रतिशत हो गयी, जो एक साल पहले 10.6 प्रतिशत थी. अक्टूबर-दिसंबर 2020 में यह 13.1 प्रतिशत थी. पुरुषों के मामलों में यह एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में जनवरी-मार्च 2021 में 8.6 प्रतिशत पर स्थिर बनी रही. अक्टूबर-दिसंबर में यह बेरोजगारी दर 9.5 प्रतिशत थी.
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