23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ईडी ने Amway India की 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की

जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उसमें तमिलनाडु के डिंडीगुल जिला में स्थित कंपनी की जमीन, फैक्ट्री की बिल्डिंग, प्लांट एवं मशीनरी, वाहन, बैंक अकाउंट एवं फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं.

नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने रविवार को यह जानकारी दी. ईडी ने बताया कि जब्त की गयी संपत्तियों में 411.83 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की गयी है, जबकि 36 अलग-अलग बैंक खातों में जमा 345.94 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को जब्त किया गया है.

बड़े फ्रॉड का पता चला

जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उसमें तमिलनाडु के डिंडीगुल जिला में स्थित कंपनी की जमीन, फैक्ट्री की बिल्डिंग, प्लांट एवं मशीनरी, वाहन, बैंक अकाउंट एवं फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लाउंडरिंग केस की जांच के दौरान खुलासा किया कि एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क के जरिये बड़ा फ्रॉड कर रहा है.


7,588 करोड़ रुपये एजेंटों को दिये कमीशन

जांच एजेंसी ने कहा है कि ऐसा देखा गया है कि बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड कंपनियों के प्रोडक्ट की तुलना में इसके उत्पादों की कीमत बहुत ज्यादा है. ईडी ने बताया है कि जांच के दौरान पता चला कि कंपनी ने वर्ष 2002-03 से वर्ष 2021-22 तक कंपनी ने अपने बिजनेस से 27,562 करोड़ रुपये और उससे अधिक जुटाये. कंपनी ने भारत और अमेरिका में अपने एजेंट्स को वित्त वर्ष 2002-03 से 2020-21 के बीच 7,588 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में दिये.

Also Read: एमवे इंडिया ने दृष्टिहीनों के लिए खोली ब्रेल लाइब्रेरी
बहुत ऊंची कीमत पर उत्पाद बेचता है एमवे

ईडी ने बताया है कि तथ्यों की जानकारी के बगैर आम लोगों को कंपनी के उत्पाद अत्यधिक ऊंची कीमत पर खरीदने के लिए कहा जाता है. इस तरह लोगों को अपनी मेहनत की कमाई लुटानी पड़ रही है. एजेंसी ने कहा है कि लोग खुद के इस्तेमाल करने के लिए इसके उत्पाद नहीं खरीदते, बल्कि अपलाइन मेंबर उन्हें अमीर बनने का सपना दिखाते हैं और लोग उनके जाल में फंस जाते हैं. सच्चाई यह है कि अपलाइन मेंबर्स को जो कमीशन मिलता है, वह उत्पाद की बढ़ी कीमत से दिया जाता है.

उत्पाद नहीं, सदस्यों को अमीर बनाने पर फोकस

एजेंसी ने कहा है कि कंपनी का पूरा फोकस सिर्फ इस बात पर है कि इसका सदस्य बनने के बाद आप किस तरह जल्द से जल्द अमीर बन जायेंगे. उत्पाद पर कोई फोकस नहीं होता. अपने उत्पाद की आड़ में कंपनी बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रही है. बता दें कि एमवे ने वर्ष 1996-97 में 21.39 करोड़ की शेयर पूंजी के साथ भारत में प्रवेश किया. वर्ष 2020-21 तक कंपनी ने 2,859.10 करोड़ रपये डिविडेंड, रॉयल्टी और अन्य भुगतान के रूप में अपने निवेशकों एवं पैरेंट इंटीटीज को दिये.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें