ईडी ने Amway India की 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की
जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उसमें तमिलनाडु के डिंडीगुल जिला में स्थित कंपनी की जमीन, फैक्ट्री की बिल्डिंग, प्लांट एवं मशीनरी, वाहन, बैंक अकाउंट एवं फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं.
नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड की 757.77 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने रविवार को यह जानकारी दी. ईडी ने बताया कि जब्त की गयी संपत्तियों में 411.83 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति जब्त की गयी है, जबकि 36 अलग-अलग बैंक खातों में जमा 345.94 करोड़ रुपये के बैंक बैलेंस को जब्त किया गया है.
बड़े फ्रॉड का पता चला
जिन संपत्तियों को अटैच किया गया है, उसमें तमिलनाडु के डिंडीगुल जिला में स्थित कंपनी की जमीन, फैक्ट्री की बिल्डिंग, प्लांट एवं मशीनरी, वाहन, बैंक अकाउंट एवं फिक्स्ड डिपॉजिट शामिल हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी ने मनी लाउंडरिंग केस की जांच के दौरान खुलासा किया कि एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी-लेवल मार्केटिंग नेटवर्क के जरिये बड़ा फ्रॉड कर रहा है.
The attached properties include land and factory building of Amway at Dindigul district in Tamil Nadu; Plant and machinery vehicles, bank accounts and fixed deposits: Enforcement Directorate
— ANI (@ANI) April 18, 2022
7,588 करोड़ रुपये एजेंटों को दिये कमीशन
जांच एजेंसी ने कहा है कि ऐसा देखा गया है कि बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड कंपनियों के प्रोडक्ट की तुलना में इसके उत्पादों की कीमत बहुत ज्यादा है. ईडी ने बताया है कि जांच के दौरान पता चला कि कंपनी ने वर्ष 2002-03 से वर्ष 2021-22 तक कंपनी ने अपने बिजनेस से 27,562 करोड़ रुपये और उससे अधिक जुटाये. कंपनी ने भारत और अमेरिका में अपने एजेंट्स को वित्त वर्ष 2002-03 से 2020-21 के बीच 7,588 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में दिये.
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बहुत ऊंची कीमत पर उत्पाद बेचता है एमवे
ईडी ने बताया है कि तथ्यों की जानकारी के बगैर आम लोगों को कंपनी के उत्पाद अत्यधिक ऊंची कीमत पर खरीदने के लिए कहा जाता है. इस तरह लोगों को अपनी मेहनत की कमाई लुटानी पड़ रही है. एजेंसी ने कहा है कि लोग खुद के इस्तेमाल करने के लिए इसके उत्पाद नहीं खरीदते, बल्कि अपलाइन मेंबर उन्हें अमीर बनने का सपना दिखाते हैं और लोग उनके जाल में फंस जाते हैं. सच्चाई यह है कि अपलाइन मेंबर्स को जो कमीशन मिलता है, वह उत्पाद की बढ़ी कीमत से दिया जाता है.
उत्पाद नहीं, सदस्यों को अमीर बनाने पर फोकस
एजेंसी ने कहा है कि कंपनी का पूरा फोकस सिर्फ इस बात पर है कि इसका सदस्य बनने के बाद आप किस तरह जल्द से जल्द अमीर बन जायेंगे. उत्पाद पर कोई फोकस नहीं होता. अपने उत्पाद की आड़ में कंपनी बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी कर रही है. बता दें कि एमवे ने वर्ष 1996-97 में 21.39 करोड़ की शेयर पूंजी के साथ भारत में प्रवेश किया. वर्ष 2020-21 तक कंपनी ने 2,859.10 करोड़ रपये डिविडेंड, रॉयल्टी और अन्य भुगतान के रूप में अपने निवेशकों एवं पैरेंट इंटीटीज को दिये.
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