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Resolution in 2024: बचत और निवेश के साथ जरूरी है इमरजेंसी फंड का होना, परेशानी से बचने के लिए समझें पूरी बात

Resolution in 2024: इमरजेंसी फंड आपकी मासिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं होता है. बल्कि ये मुसिबत के वक्त पर आपको बाहर निकालने का जरिया है. आपातकालीन निधि तरल होनी चाहिए.

Resolution in 2024: साल 2023 खत्म होने वाला है. ऐसे में हर कोई नए साल को बेहतर बनाने के लिए कुछ रिज़ॉल्यूशन लेते हैं. ऐसे में हम आपको कुछ फाइनेशियल रिज़ॉल्यूशन ले सकते हैं जो आर्थिक से आपको 2024 में मजबूत कर देंगे. कहते हैं जीवन में मुसीबत कभी बता कर नहीं आती है. मगर, जब आती है तो आपका सहारा केवल आपका परिवार और आपका पैसे ही होता है. ऐसे में, जीवन में जितना जरूरी कमाना है, उतना ही जरूरी बचाना और निवेश करना भी है. इसके साथ ही, इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) भी बनाना जरूरी है. इमरजेंसी फंड आपकी मासिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं होता है. बल्कि ये मुसिबत के वक्त पर आपको बाहर निकालने का जरिया है. ऐसे में आपातकालीन निधि तरल होनी चाहिए. ये इसकी सबसे महत्वपूर्ण जरूरत है, जिससे जरूरत के वक्त आप आसानी से निकाल सकते हैं. निवेश किये स्थान या खाते से निकासी में किसी तरह की एग्जिट लोड या प्री-निकासी जुर्माना नहीं होना चाहिए. इमरजेंसी फंड बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसमें पैसे कम नहीं होने चाहिए, साथ ही, रिटर्न भी ठीक-ठाक मिलना चाहिए.

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कैसे बनता है इमरजेंसी फंड

इमरजेंसी फंड रातों-रात नहीं बनाई जा सकती, बल्कि धीरे-धीरे बनाई जाती है. हर महीने एक अलग बैंक खाते में एक विशेष राशि अलग रखें. जल्द ही, यह एक बड़े कोष के रूप में विकसित हो जाएगा जिसे आप जरूरत के समय इस्तेमाल कर सकते हैं. मान लीजिए, आपने 1 लाख रुपये का आपातकालीन फंड बनाने का फैसला किया है. इस मामले में, आप अपनी आवश्यक धनराशि जमा करने के लिए हर महीने 5,000 रुपये या 10,000 रुपये अलग रख सकते हैं. हालांकि, इस राशि को बनाने के लिए अपने निवेश में कटौती करना भी ठीक है. यानी, इमरजेंसी फंड बनाने के लिए केवल ऐसी राशि का चयन करें जिससे आपके मासिक खर्चों पर असर नहीं पड़े. अब सवाल ये है कि आपके आपातकालीन निधि में कितना धन होना चाहिए? आपकी आय और व्यय के आधार पर, आपातकालीन निधि तीन से छह महीने का हो सकता है. उदाहरण के लिए, यदि आप प्रति माह 30,000 रुपये कमाते हैं और उसमें से 15,000 रुपये आपके नियमित जीवन-यापन के खर्चों को पूरा करने में जाते हैं, तो आपका आपातकालीन फंड 60,000 रुपये से 1,00,000 रुपये के बीच होना चाहिए.

दो तरह के फंड बनायें

इमरजेंसी फंड को दो तरह से बनाएं. एक अपनी छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए और दूसरा लॉंग टर्म के लिए फंड बनाएं. दीर्घकालिक आपातकालीन निधि, किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा या अचानक चिकित्सा आपातकाल जैसी बड़े पैमाने की आपात स्थितियों के लिए जरूरी होती है. इस फंड को ऐसे उपकरणों में निवेश किया जाना चाहिए जो आपको थोड़ी अधिक ब्याज दर अर्जित करने की अनुमति देते हैं. शॉर्ट टर्म इमरजेंसी फंड, में पैसा भले कम हो, मगर तुरंत पहुंच में होना चाहिए. साछ ही, इस पैसे पर ज्यादा ब्याज के चक्कर में न रहें. कई बार, लॉंग टर्म इमरजेंसी फंड तक पहुंचने में देरी होने पर स्थिति को संभालने में शॉर्ट टर्म इमरजेंसी फंड बड़ी मदद करते हैं.

आपातकालीन फंड में कहां निवेश करें

एक बार जब आप आपातकालीन निधि जमा कर लेते हैं, तो आपको इसे नकद या बैंक खाते में नहीं छोड़ना चाहिए. कम से कम पूरी तरह से नहीं. भले ही एक आपातकालीन निधि तरल होनी चाहिए, यह ऐसी चीज़ नहीं है जिसे आप अक्सर एक्सेस कर सकें. इसलिए, इसे इस तरह से निवेश करें कि आप तरलता से समझौता किए बिना इससे अच्छा रिटर्न अर्जित कर सकें. आदर्श बात यह होगी कि आपातकालीन फंड को लिक्विड फंड, शॉर्ट-टर्म आरडी और डेट म्यूचुअल फंड के रुप में रखा जाए. मान लीजिए कि आपके पास आपातकालीन निधि के रूप में 1 लाख रुपये जमा हैं. अब आप यह कर सकते हैं कि घर पर 20,000 रुपये नकद रखें, 20,000 रुपये अपने बचत बैंक खाते में रहने दें और शेष 60,000 रुपये को लिक्विड म्यूचुअल फंड में निवेश करें. इससे आपका पैसा थोड़ा रिटर्न भी देने लगेगा.

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