लॉकडाउन और कोरोना वायरस संकट के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 26 सेक्टर में लिए गए लोन को पुनर्गठन कर जल्द ही ग्राहकों को राहत देने की तैयारी में है. केवी कामथ के नेतृत्व में बनी कमेटी ने इसके लिए सिफारिश की है. माना जा रहा है कि बैंक ऋण पुनर्गठन में इन कंपनियों को राहत मिलेगी.
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार लोन मोरोटोरियम मेंं आंशिक राहत के बाद आरबीआई नै केवी कमथ की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई थी, इस कमेटी ने अपनी सिफारिश में 26 सेक्टर के लोन पुनर्गठन करने की सिफारिश की. वहीं आरबीआई ने कमेटी की रिपोर्ट के बाद कहा कि ऋण पुनर्गठन का आदेश जारी हो चुका है.
इन सेक्टर को राहत– केवी कामथ कमेटी ने अपने सिफारिश में एविएशन और रियल स्टेट सेक्टर को राहत देने की बात कही है. बता दें कि कोरोना और लॉकडाउन से सबसे अधिक यही दो सेक्टर प्रभावित हुआ है. इसके अलावा कमेटी ने निर्माण, लोहा और इस्पात निर्माण, सड़क, रियल एस्टेट, वस्त्र, रसायन, उपभोक्ता टिकाऊ / एफएमसीजी जैसे क्षेत्रों के ऋणों का पुनर्विकास करने का सुझाव दिया है.
आरबीआई का आदेश- आरबीआई ने बैंक लोन पुनर्गठन का देश दिया है. आरबीआई ने अपने आदेश में कहा कि लोन का पुनर्गठन के सिफारिश को मान लिया गया है. बैंक जल्द ही इसकी प्रक्रिया शुरू करेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ईएमआई लोन पर फैसला नहीं आने तक किसी भी अकाउंट को एनपीए नहीं घोषित किया जाए.
15 सितंबर तक लागू हो जाएगा आदेश– बता दें कि बीते दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्ज पुनर्गठन योजना तेजी से लागू करने को लेकर बैंकों और एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों) प्रमुखों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कोविड-19 से जुड़े दबाव वाले कर्ज के समाधान को लेकर तत्काल नीति पेश करने, पात्र कर्जदारों की पहचान करने और उन तक पहुंचने पर जोर दिया. सीतारमण ने इस बात पर भी जोर दिया कि समाधान योजना 15 सितंबर 2020 तक लागू हो जानी चाहिए और उसके बारे में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए.
Also Read: EMI Moratorium दो साल तक बढ़ाया जा सकता है, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कही ये बात…
Posted By : Avinish Kumar Mishra
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.