नन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों के लिए 6 महीने तक बढ़ सकती है EMI moratorium!

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण विभिन्न क्षेत्रों को आ रही दिक्कतों का हवाला देते हुए गैर बैंकिंग कंपनियों के लिए कर्ज की किस्तों के भुगतान से मिली छूट की अवधि को बढ़ाकर छह महीने करने और एमएसएमई को दिये कर्ज पर क्रेडिट गारंटी प्रदान करने जैसी कुछ सिफारिशें की हैं.

By KumarVishwat Sen | April 22, 2020 10:39 PM
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नयी दिल्ली : भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने कोरोना वायरस महामारी के कारण विभिन्न क्षेत्रों को आ रही दिक्कतों का हवाला देते हुए गैर बैंकिंग कंपनियों के लिए कर्ज की किस्तों के भुगतान से मिली छूट की अवधि को बढ़ाकर छह महीने करने और एमएसएमई को दिये कर्ज पर क्रेडिट गारंटी प्रदान करने जैसी कुछ सिफारिशें की हैं. समाचार एजेंसी भाषा को सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. आईबीए की सिफारिशों में कोरोना वायरस महामारी से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के लिए एक बार ऋण के पुनर्गठन तथा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिये राहत भी शामिल है. बैंकों के संगठन ने सरकार और रिजर्व बैंक को सिफारिशों की सूची भेजी है.

रिजर्व बैंक के प्रावधानों के अनुसार, कर्ज का पुनर्गठन वर्जित है तथा जिन मामलों में कर्ज की किस्तें चुकाने में चूक हो चुकी हैं, उनका समाधान दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के तहत किया जाता है. सूत्रों ने बताया कि आईबीए ने विभिन्न उद्योग क्षेत्रों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों से विस्तृत सुझावों के आधार पर बैंकिंग व एनबीएफसी समेत कोरोना वायरस महामारी से अधिक प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों की दिक्कतें दूर करने के लिये सरकार तथा रिजर्व बैंक ये सिफारिशें की हैं.

आईबीए के प्रमुख तथा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने इस महीने ही कहा था कि आईबीए आने वाली परिस्थितियों के आधार पर कर्ज की किस्तों के भुगतान से मिली छूट की अवधि को बढ़ाकर पांच-छह महीने करने की सिफारिश करेगा.

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