Employees’ Pension Scheme 1995 (EPS-95) के सबस्क्राइबर के लिए खुशखबरी है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने उन ग्राहकों को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) में जमा रकम निकालने की इजाजत देने का फैसला किया, जिनकी केवल छह महीने से कम की सर्विस बची है.
मौजूदा नियमों के मुताबिक, ईपीएफओ अंशधारक जिनकी छह महीने से कम की सेवा बची है, उन्हें केवल अपने कर्मचारियों के PF खाते में जमा रकम निकालने की इजाजत है.
लेबर मिनिस्ट्री के एक बयान के मुताबिक केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में रिटायरमेंट फंड बॉडी के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने अपनी 232 वीं बैठक में सरकार को ईपीएस -95 योजना में कुछ संशोधन करने की सिफारिश की. सीबीटी ने सरकार से उन सदस्यों को ईपीएस खाते से विड्राल बेनिफिट देने की सिफारिश की, जिनके पास छह महीने से कम सेवा है.
इसमें कहा गया है कि बोर्ड ने उन सदस्यों के लिए आनुपातिक पेंशन लाभ देने की भी सिफारिश की है जो इस योजना में 34 से अधिक साल से हैं. यह पेंशनभोगियों को रिटायरमेंट लाभ के निर्धारण के समय ऊंची पेंशन लेने में मदद करेगा.
बयान के अनुसार, बोर्ड ने छूट देने या EPS-95 से छूट को रद्द करने के मामलों में equitable transfer value calculation को सक्षम करने की सिफारिश की है. इसके अलावा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) इकाइयों में इसके निवेश के लिए एक Redemption policy को भी मंजूरी दी गई है.
इसके साथ ही बोर्ड ने वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर की गणना के लिए आय में शामिल किए जाने वाले पूंजीगत लाभ की बुकिंग के लिए कैलेंडर वर्ष 2018 की अवधि के दौरान खरीदी गई ईटीएफ इकाइयों के रीडेंपशन को भी मंजूरी दी. 2021-22 की ईपीएफओ के कामकाज की 69वीं वार्षिक रिपोर्ट संसद में पेश की जाएगी.
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