EPFO News : अब कर्मचारियों को हर महीने अपनी तनख्वाह से कटवानी पड़ेगी 12 परसेंट रकम
EPFO : देश के लाखों कर्मचारियों को अब यानी अगस्त से अपनी तनख्वाह से हर महीने 12 परसेंट की रकम कटवानी होगी. कोविड-19 महामारी के शुरुआती प्रसार के दौरान इसके संक्रमण की रोकथाम के लिए 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान मई में सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों में रकम जमा कराने से छूट दी थी. नियोक्ता और कर्मचारियों के हिस्से की रकम अब सरकार ईपीएफ खातों में जमा करवा रही थी, लेकिन आज सरकार की ओर से दी गयी इस छूट की मियाद खत्म हो गयी है. इस कारण अब नियोक्ता और कर्मचारियों को अपने-अपने हिस्से की रकम ईपीएफ खातों में पहले की तरह जमा कराना अनिवार्य हो गया है.
EPFO : देश के लाखों कर्मचारियों को अब यानी अगस्त से अपनी तनख्वाह से हर महीने 12 परसेंट की रकम कटवानी होगी. कोविड-19 महामारी के शुरुआती प्रसार के दौरान इसके संक्रमण की रोकथाम के लिए 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान मई में सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों में रकम जमा कराने से छूट दी थी. नियोक्ता और कर्मचारियों के हिस्से की रकम अब तक सरकार ईपीएफ खातों में जमा करवा रही थी, लेकिन आज सरकार की ओर से दी गयी इस छूट की मियाद खत्म हो गयी है. इस कारण अब नियोक्ता और कर्मचारियों को अपने-अपने हिस्से की रकम ईपीएफ खातों में पहले की तरह जमा कराना अनिवार्य हो गया है.
कोविड-19 महामारी की वजह से मिली थी राहत
कोविड-19 महामारी की वजह से सरकार ने नियोक्ताओं और कर्मचारियों के लिए तीन महीने तक ईपीएफ योगदान को 12-12 फीसदी से घटाकर 10-10 फीसदी कर दिया था. मई, जून और जुलाई 2020 के लिए ईपीएफ योगदान 24 फीसदी से घटकर 20 फीसदी हो गया था. ईपीएफ की घटी हुई राशि का फायदा अब खत्म होने जा रहा है. एक अगस्त से ईपीएफ खातों में योगदान के तौर पर कर्मचारियों की तनख्वाह की 24 फीसदी (12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी नियोक्ता) रकम ईपीएफ खातों में जमा कराना होगा. कर्मचारी भविष्य निधि संस्था से जुड़ी हर Latest News in Hindi से अपडेट रहने के लिए बने रहें हमारे साथ.
क्या है ईपीएफ में योगदान का नियम
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के ईपीएफ स्कीम के नियमों के अनुसार, कर्मचारी हर महीने अपनी तनख्वाह में से मूल वेतन और महंगाई भत्ता को मिलाकर उसकी 12 फीसदी रकम अपने ईपीएफ खाते में योगदान देता है. इसके साथ ही, नियोक्ता को भी समान रूप से 12 फीसदी का योगदान करना होता है. कुल मिलाकर कर्मचारी के ईपीएफ खाते में 24 फीसदी का योगदान होता है. इस कुल 24 फीसदी योगदान में से कर्मचारी का हिस्सा (12 फीसदी) और नियोक्ता का 3.67 फीसदी हिस्सा ईपीएफ खाते में जाता है, जबकि नियोक्ता की बाकी 8.33 फीसदी रकम कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) खाते में जाती है, जिसके आधार पर रिटायरमेंट के बाद पेंशन निर्धारित होती है.
किस श्रेणी के कर्मचारियों को सरकार ने दी छूट
कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान सरकार ने देश के उन संस्थानों और कर्मचारियों को ईपीएफ खातों में रकम जमा कराने से छूट प्रदान की थी, जिस संस्थान में 100 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हों और उन कर्मचारियों में से जिनकी तनख्वाह 15,000 रुपये तक हो. सरकार ऐसे कर्मचारियों के खाते में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के हिस्से की रकम ईपीएफ खातें में अब तक जमा करवा रही थी. सरकार की इस छूट का फायदा अब तक देश की करीब 6.5 लाख कंपनियों और 4.3 करोड़ कर्मचारियों को मिल रहा था. इसके साथ ही, यह स्कीम उन कर्मचारियों पर लागू होगी जो पीएम गरीब कल्याण पैकेज और उसके विस्तार के तहत 24 फीसदी का ईपीएफ सपोर्ट नहीं ले रहे हों.
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.