Work From Home के लिए कर्मचारियों को देना होगा 5 प्रतिशत का टैक्स, पैसे कमाने के इस तरीके से जरूरतमंदों को होगा फायदा

जर्मनी के सबसे बड़े डायचे बैंक के विशेषज्ञों ने जो कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम जारी रखता है, उस पर रोजाना 5 फीसदी की दर से टैक्स वसूलने का प्रस्ताव किया है. कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने वालों के लिए एक खबर है और वह यह कि जो लोग वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों को 5 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2020 9:11 AM
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Work From Home : कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम यानी घर से काम करने वालों के लिए एक खबर है और वह यह कि जो लोग वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों को 5 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होगा. एपी की एक रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग घर से काम कर रहे हैं और वर्क फ्रॉम होम करने वाले जिन कर्मचारियों की सैलरी अच्छी है, उन्हें कम आमदनी वाले कम कमाई करने वाले अन्य श्रमिकों की आर्थिक मदद करने के लिए टैक्स लगाया जाना चाहिए.

पैसे जुटाने में सरकारों को मिल सकती है मदद

जर्मनी के सबसे बड़े डायचे बैंक के विशेषज्ञों ने कोरोना महामारी के गुजरने के बाद अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण से संबंधित ताजा रिपोर्ट में कहा है कि जो कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम जारी रखता है, बैंक ने उस पर रोजाना 5 फीसदी की दर से टैक्स वसूलने का प्रस्ताव किया है. बैंक विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, वर्क फ्रॉम होम करने वाले बैंक के कर्मचारियों पर टैक्स लगाने से सरकारों को कई अरब डॉलर जुटाने में मदद मिल सकती है.

कम आदमनी वाले कर्मचारियों को की जा सकती है आर्थिक मदद

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टैक्स से प्राप्त होने वाली रकम से उन कर्मचारियों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जिन्होंने इस महामारी के दौर में जोखिम उठाकर काम किया है और उनके पास वर्क फ्रॉम होम करने की सुविधा नहीं है. बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि इस वैश्विक महामारी ने दूरदराज के काम में बदलाव ला दिया है. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई कर्मचारियों में महामारी समाप्त होने के बाद भी घर से ही काम करने की प्रवृत्ति पैदा हो रही है. वे हमेशा इस बात की उम्मीद करते हैं कि महामारी समाप्त होने के बाद भी वे घर से ही काम करते रहें.

वर्क फ्रॉम होम करने वाले ऐसे बचाते हैं पैसा

रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि इस तरह के कर्मचारी नियमों के लचीलेपन और सुविधा होने की वजह से अधिक लाभान्वित होते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह के कर्मचारी सीधे-सीधे पैसे भी बचाते हैं, क्योकि उन्हें कार्यस्थल तक आने-जाने का खर्च नहीं देना पड़ता है. इतना ही नहीं, उन्हें लंच लेने या खरीदने और ऑफिस आने वाली ड्रेस की ड्राई क्लीनिंग कराने के लिए खर्च नहीं करने पड़ते हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लेकिन, इसका मतलब यह है कि वे व्यवसाय जो ऑफिस आने वाले कर्मचारियों के हित में खड़े हुए हैं, वह ठीक नहीं है. इससे आर्थिक नुकसान अधिक होगा.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस प्रकार के प्रस्ताव में सरकार के समर्थन का कोई मतलब ही नहीं बनता. बैंक ने यह भी कहा है कि यदि नजदीक के शहर में कोई सैंडविच शॉप में आसपास के ऑफिस टावर से कोई अधिक ग्राहक नहीं आता है, तो यह इसका मतलब यह समझ में नहीं आता कि जनसमुदाय उसके नियंत्रण से जबरन बाहर हो गया है. अलबत्ता, यह समझ में तो आता है कि आर्थिक दृष्टिकोण से उनकी मदद की जानी चाहिए.

टैक्स पर खर्च होगा मात्र 10 डॉलर

रिपोर्ट में कहा गया है कि घर से काम करने वाले एक अमेरिकी का औसत वेतन 55,000 डॉलर है और एक दिन में टैक्स सिर्फ 10 डॉलर होगा. मोटे तौर पर आप यह मान सकते हैं कि टैक्स के रूप में भुगतान की जाने वाली रकम कंप्यूटिंग, लंच और लॉन्ड्री पर खर्च होने वाली रकम के बराबर है. डायचे बैंक ने यह भी कहा है कि वर्क फ्रॉम होम करने वाले कर्मचारियों से अकेले वह अमेरिका में 48 बिलियन डॉलर तक जुटा सकता है और इतनी ही रकम वह जर्मनी और ब्रिटेन से भी एकत्र कर सकता है.

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Posted By : Vishwat sen

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