Loading election data...

…तो सप्ताह में सिर्फ चार दिन करना पड़ेगा काम! एचआर सॉल्यूशन्स जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट

एचआर सॉल्यूशन्स जीनियस कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 60 फीसदी से अधिक नियोक्ताओं का यह दृढ़ मत है कि हफ्ते में चार कामकाजी दिवस की नयी व्यवस्था नौकरी में संतुष्टि और काम एवं जीवन के बीच संतुलन साधने के साथ संगठन के समग्र मनोबल को बढ़ाने के लिहाज से भी सफल साबित होगी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2022 10:40 PM

मुंबई: दुनिया भर में कर्मचारियों के लिए चार कामकाजी दिवस (Working Day) वाले हफ्ते की व्यवस्था अपनाने में देखी जा रही तेजी के बीच एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में भी ज्यादातर नियोक्ताओं को लगता है कि इस व्यवस्था से तनाव कम करने में मदद मिलेगी.

कम होगा तनाव और चिंता का स्तर

एचआर सॉल्यूशन्स जीनियस कंसल्टेंट्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 60 फीसदी से अधिक नियोक्ताओं का यह दृढ़ मत है कि हफ्ते में चार कामकाजी दिवस की नयी व्यवस्था नौकरी में संतुष्टि और काम एवं जीवन के बीच संतुलन साधने के साथ संगठन के समग्र मनोबल को बढ़ाने के लिहाज से भी सफल साबित होगी. इससे तनाव और चिंता का स्तर भी कम होगा.

27 फीसदी नियोक्ता आश्वस्त नहीं

हालांकि, 27 फीसदी नियोक्ता इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि संगठन की उत्पादकता पर इस चलन का क्या असर हो सकता है. वहीं 11 फीसदी नियोक्ताओं ने कहा कि चार कार्य-दिवस वाले सप्ताह की व्यवस्था से कोई उल्लेखनीय सकारात्मक परिणाम नहीं आने वाले हैं. यह रिपोर्ट 1,113 नियोक्ताओं और कर्मचारियों पर एक फरवरी से सात मार्च के बीच कराये गये एक ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है.

Also Read: Salary Hike 2022 : इन कर्मचारियों की इस साल बढ़ेगी ज्‍यादा सैलरी, देखें क्‍या आपका नाम है इसमें

इन सेक्टर में किया गया है सर्वेक्षण

यह सर्वेक्षण बैंकिंग और वित्त, निर्माण एवं इंजीनियरिंग, शिक्षा, एफएमसीजी, आतिथ्य, एचआर समाधान, आईटी, आईटीईएस और बीपीओ, लॉजिस्टिक्स, विनिर्माण, मीडिया, तेल एवं गैस क्षेत्र की कंपनियों में किया गया. वहीं इस सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 100 फीसदी कर्मचारी चार कार्यदिवस वाली व्यवस्था के पक्ष में हैं.

60 फीसदी कामगार 12 घंटे से अधिक काम को तैयार

सर्वेक्षण में नियोक्ताओं से पूछा गया था कि एक अतिरिक्त दिन का अवकाश मिलने पर क्या वे रोजाना 12 घंटे से अधिक समय तक काम करने को तैयार हैं, तो उनमें से 56 फीसदी लोग फौरन ही इसके लिए राजी हो गये. हालांकि 44 फीसदी कर्मचारी कामकाजी घंटों को बढ़ाने के पक्ष में नहीं दिखे. इसी के साथ 60 फीसदी कर्मचारियों ने एक और दिन का अवकाश मिलने पर 12 घंटे से अधिक काम करने के लिए खुद को तैयार बताया.

कर्मचारियों का प्रदर्शन सुधारने में मिल रही मदद

जीनियस कन्सल्टेंट्स के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आरपी यादव ने कहा, ‘सप्ताह में चार कामकाजी दिवस की दिलचस्प व्यवस्था कई देशों और संगठनों में अपनायी जा रही है. इससे कर्मचारी अपने निजी एवं कामकाजी जीवन के बीच बेहतर संतुलन बना पायेंगे. वहीं, कुछ लोगों की नजर में इससे कर्मचारियों का प्रदर्शन सुधारने में भी मदद मिल रही है.’

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version