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कर्मचारियों और नियोक्ता के द्वारा भेजे गए केवाईसी ब्योरे में गड़बड़ी से लगी रोक
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केवाईसी का ब्योरा आपस में मैच नहीं कर रहा है
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दिसंबर के आखिरी हफ्ते में ही श्रम मंत्रालय ने ब्याज दर भुगतान का किया था ऐलान
EPF Latest News : क्या अभी तक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से ब्याज का पैसा आपके पीएफ खाते (PF account) में नहीं डाला गया है? अगर अभी तक आपके पास खाते में पैसा क्रेडिट होने का एसएमएस नहीं आया है, तो आप अभी अपना पीएफ खाता चेक कर लीजिए. कहीं ऐसा तो नहीं कि आपके खाते में वित्त वर्ष 2019-20 का ब्याज क्रेडिट ही नहीं किया गया है?
दरअसल, ईपीएफओ ने देश के करीब 40 लाख कर्मचारियों के पीएफ खाते में ब्याज की रकम को क्रेडिट नहीं किया है. हालांकि, सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए करीब एक से डेढ़ महीने पहले से ही कर्मचारियों के पीएफ खाते में ब्याज की रकम क्रेडिट करने का ऐलान कर दिया गया है.
मीडिया में आ रही खबर के अनुसार, कर्मचारियों के पीएफ खाते में ब्याज की रकम नहीं क्रेडिट होने का प्रमुख कारण केवाईसी (KYC) में गड़बड़ी होना है. कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से दी गई केवाईसी आपस में मैच नहीं होने की वजह से ऐसी स्थिति पैदा हुई है. अंग्रेजी की वेबसाइट मिंट ने मामले से जुड़े दो अधिकारियों के हवाले से खबर दी है कि ईपीएफओ ने व्यक्तिगत रूप से पीएफ खाते में व्यक्तिगत तरीके से ब्याज क्रेडिट करने की बजाय संगठनवार क्रेडिट कर रहा है.
ईपीएफओ के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज भुगतान में देरी होने के पीछे केवाईसी की समस्या सबसे बड़ी है. खबर के अनुसार, ईपीएफओ ने वर्ष 2020 में 2019-20 के लिए घोषित 8.5 फीसदी ब्याज का भुगतान करने के लिए अपने कुछ इक्विटी निवेश की बिक्री में देरी कर दी, क्योंकि कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन के लागू होने के चलते शेयर बाजार गिर गया था. ईपीएफओ ने कहा था कि वह 31 दिसंबर तक 2019-20 के ब्याज क्रेडिट कर देगा, जबकि श्रम मंत्रालय ने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में क्रेडिट करने का ऐलान किया है.
अधिकारी के अनुसार, करीब 8 से 10 फीसदी ईपीएफ यूजर का वित्त वर्ष 20219-20 के लिए ब्याज का भुगतान नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के केवाईसी ब्योरे में कुछ गड़बड़ी थी. उन्होंने यह भी बताया कि ईपीएफओ व्यक्तिगत की बजाए कंपनियों के आधार पर ब्याज का भुगतान करता है.
दूसरे अधिकारी के अनुसार, यदि कर्मचारियों और नियोक्ता की ओर से उपलब्ध कराए गए ब्योरों में अंतर नजर आता है, तो ईपीएफओ नियोक्ता को होने वाले भुगतान पर रोक लगा देता है. फिलहाल एक छोटे अनुमान के अनुसार, करीब 40 लाख कर्मचारियों के ब्याज पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने कहा कि अधिकारी इस बात से हैरान थे कि आखिर देर क्यों हो रही है.
Posted By : Vishwat Sen
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