EPF Pension: सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, जानिए क्या है पूरा मामला

EPF Pension: इससे पहले 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ईपीएफओ की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाएं खारिज करने के अपने पुराने फैसले पर पुनर्विचार का निर्णय लिया और इस मामले में पुन: सुनवाई की बात कही.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2022 10:07 PM

EPF Pension: सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी गुरुवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से कुछ राज्यों की चुनौती देने वाली अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केरल, राजस्थान और दिल्ली हाईकोर्ट के उन फैसलों को चुनौती देने वाली अपीलों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. दरअसल कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को रद्द कर दिया था. इस योजना में अधिकतम पेंशन योग्य वेतन की सीमा 15 हजार रुपये तय की गई थी.

ईपीएफओ की याचिका कर दिया गया था खारिज: गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ ईपीएफओ की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाएं खारिज करने के अपने पुराने फैसले पर पुनर्विचार का निर्णय लिया और इस मामले में पुन: सुनवाई की बात कही. अब इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

क्यों हो रहा है विवाद: दरअसल, कर्मचारियों के लिए अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 15 हजार रुपये प्रति माह तक सीमित है. यानी किसी कर्मचारी की सैलरी जो भी हो लेकिन उसके पेंशन की गणना सिर्फ 15 हजार रुपये के हिसाब से तय की जाएगी. फिलहाल इस सीमा को हटाने का मामला कोर्ट में चल रहा है.

इस मुद्दे को इस तरह से समझा जा सकता है. जब हम कहीं जॉब जॉइन करते हैं. और हमारा ईपीएफओ अकाउंट खुल जाता है. काम करने वाला कर्मचारी अपने वेतन का 12 फीसदी ईपीएफ के रूप में जमा करता है. इसके बदले उसकी कंपनी भी उसे उतनी ही रकम देती है. लेकिन इस रकम का सिर्फ 8.33 फीसदी हिस्सा ही जाता है. ऐसे में अगर 15 हजार की सीमा हटा दी जाती है और आपका मूल वेतन 20 हजार रुपये हो जाता है तो पेंशन की राशि भी बढ़ जाएगी.

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