सरकारी कर्मचारियों को दोहरा झटका, DA के बाद अब PF पर सरकार ने चलाई कैंची
लॉकडाउन के कारण आई आर्थिक मंदी का असर कर्मचारियों के पीएफ फंड पर भी पड़ने लगा है. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के जनरल प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज में कटौती करने का ऐलान किया है. यह कटौती वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में किया जायेगा
नयी दिल्ली : लॉकडाउन के कारण आई आर्थिक मंदी का असर कर्मचारियों के पीएफ फंड पर भी पड़ने लगा है. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के जनरल प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले ब्याज में कटौती करने का ऐलान किया है. यह कटौती वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में किया जायेगा.
न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार 1 अप्रैल से 30 जून तक जीपीएफ और अन्य फंडों पर 7.1 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा. इससे पहले यह ब्याज दर 7.9 प्रतिशत मिलता था. जीपीएफ खाताधारक अपने अकाउंट में सैलरी का 15 फीसदी रुपये डाल सकते हैं.
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जीपीएफ क्या होता है– जीपीएफ यानी जनरल प्रोविडेंट फंड कर्मचारियों का फंड होता है, जिसे सरकारी कर्मचारी ही सिर्फ खुलवा सकते हैं. कर्मचारी इसमें अपना पैसा रखते हैं और सरकार रिटायरमेंट के बाद यह पैसा वापस कर्मचारी कै देती है. आम कर्मचारी या प्राइवेट कर्मचारी जीपीएफ अकाउंट नहीं खुलवा सकते हैं.
सरकार ने दी थी ढील- केंद्र सरकार के कोरोनावायरस के कारण हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई करने के लिए हाल ही में ईपीएफ के नियमों में ढील दी थी. ढील के तहत कर्मचारी तीन महीने की सैलरी इतनी रकम पीएफ फंड से उठा सकते हैं.
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छह सालों का ब्याज दर- फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पिछले छह वर्षों की तुलना में यह ब्याज दर का न्यूनतम स्तर है. इससे पहले 2016-17 में 8.65 फीसदी और 2017-18 में 8.55 फीसदी ब्याज दिया था. वित्त वर्ष 2015-16 में इस पर 8.8 फीसदी का ऊंचा ब्याज दिया गया था. इससे पहले 2013-14 और 2014-15 में EPF पर 8.75 फीसदी का ब्याज दिया गया था. 2012-13 में EPF पर ब्याज दर 8.5 फीसदी रही थी.
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