EPFO Investment in Adani Group: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के 6 करोड़ सबस्क्राइबर की गाढ़ी कमाई के निवेश को लेकर एक चौंकाने वाली खबर आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि EPFO अदाणी ग्रुप की दो कंपनियों में Captive Investor की भूमिका में बना हुआ है. इसका मतलब यह हुआ कि पेंशन फंड का बड़ा हिस्सा ग्रुप की दो कंपनियों Adani Ports और Adani Enterprises में लगा हुआ है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenberg research report) आने के बाद कई बड़े निवेशकों ने अदाणी समूह की कंपनियों में शेयरों की खरीद-फरोख्त बंद कर दी है. लेकिन देश के बड़े फंड में से एक EPFO ने अदाणी की दो कंपनियों के शेयरों में निवेश करना जारी रखा है. इसमें प्रमुख रूप से अदानी एंटरप्राइजेज भी शामिल है.
Also Read: EPFO का ई-नॉमिनेशन नहीं किया, तो फंस सकता है बचत का पैसा; यहां जानिए स्टेप बाइ स्टेप प्रॉसेस
चिंता की बात यह है कि Hindenberg की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी ग्रुप के मार्केट कैप में बड़ी गिरावट देखी गई है. खुद गौतम अदाणी Bloomberg Richest Top 10 लिस्ट से बाहर हो चुके हैं. इसके बावजूद भारत के सबसे बड़े रिटायरमेंट फंड – कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस साल कम से कम सितंबर तक अदाणी ग्रुप में निवेश करना जारी रखेगा. इस फैसले में तभी बदलाव होगा, जब इसके ट्रस्टी अपने निवेश के दृष्टिकोण पर दोबारा कोई फैसला नहीं लेते. रिपोर्ट में कहा गया है कि EPFO सबस्क्राइबरों के पास Nifty 50 और Sensex indices में निवेश के अलावा दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है क्योंकि इसका प्रबंधन EPFO संभालता है. निवेश से जुड़े फैसले EPFO ट्रस्टी ही लेते हैं.
ईपीएफओ एक प्रमुख सामाजिक सुरक्षा संगठन है, जिसके 6 करोड़ से अधिक ग्राहक हैं और उसके पास लगभग 13 लाख करोड़ रुपये का फंड है. EPFO अपनी निवेश रणनीति के तहत निफ्टी 50 और सेंसेक्स के इंडेक्स में निवेश करता है. इन्हें भारतीय शेयर बाजार का बेंचमार्क माना जाता है. इन सूचकांकों में अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) और अदाणी एंटरप्राइजेज भी शामिल हैं. EPFO 27.73 करोड़ औपचारिक क्षेत्र के कर्मचारियों की वृद्धावस्था बचत का प्रबंधन करता है और अपने कॉर्पस का 15% एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश करता है.