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EPFO कर सकता है आपका खाता बंद, अगर आपने नहीं किये यह काम…

अगर आप नौकरी पेशा हैं और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मेंबर हैं, आपकी सैलरी से आपका अंशदान कटता है, तो आपको जरा सावधानी बरतनी होगी. नियमों की जानकारी नहीं होने की स्थिति में ईपीएफओ आपके खाते को बंद भी कर सकता है.

नयी दिल्ली : अगर आप नौकरी पेशा हैं और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मेंबर हैं, आपकी सैलरी से आपका अंशदान कटता है, तो आपको जरा सावधानी बरतनी होगी. नियमों की जानकारी नहीं होने की स्थिति में ईपीएफओ आपके खाते को बंद भी कर सकता है. ऐसी आशंका इसलिए जाहिर की जा रही है कि इस संगठन ने नियमों में कुछ बदलाव किये हैं, जिसकी जानकारी रखना हर नौकरी पेशा लोगों के लिए जरूरी है.

कंपनी बंद होने या संस्थान बदलने वालों की बढ़ सकती है परेशानी : ईपीएफओ के नये नियम के अनुसार, किसी कंपनी के बंद होने अथवा किसी कारणवश कोई नौकरी पेशा व्यक्ति संस्थान बदलता है और 36 महीने यानी 3 साल तक इसी जानकारी ईपीएफओ को नहीं देता है, तो संगठन उसके खाते को बंद कर सकता है. इसमें खास यह है कि कंपनी बदलने पर संगठन को सूचना देना और उससे ट्रांजेक्शन करना बेहद जरूरी है. उस खाते में आपके हिस्से का अंशदान जमा होना भी आवश्यक है. इसकी वजह यह है कि बंद हुई कंपनी अथवा किसी नौकरी पेशा आदमी की पुरानी कंपनी संस्थान बदलने के साथ ही संबंधित व्यक्ति के खाते में उसका अंशदान जमा करना बंद कर देते हैं.

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नियम का पालन करना बेहद जरूरी : इसके साथ ही, नौकरी पेशा लोगों को यह जान लेना भी जरूरी है कि खाताधारक नयी कंपनी ज्वाइन करने के बाद उन्हें अपना पैसा नये संस्थान के खाते में ट्रांसफर करना होगा. संगठन के नये नियम के अनुसार, खाताधारकों के निष्क्रिय पड़े खातों में जमा पैसे पर ब्याज लगातार मिलता रहता है. हालांकि, ऐसे निष्क्रिय खातों से पैसा निकालने में खाताधारकों को कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ता है. देश से जुड़ी हर Breaking News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

ऐसे कर सकते हैं पैस की निकासी या फिर उसका ट्रांसफर : तीसरा यह कि इस प्रकार के खातों से पैसे निकालने के लिए कर्मचारी के नियोक्ता को प्रमाणित भी करना पड़ता है. इसमें अगर किसी कर्मचारी की पुरानी कंपनी बंद नहीं हुई है, तो आप पैसे की निकासी या फिर उनका नयी कंपनी के खाते में ट्रांसफर कराने के लिए पुरानी कंपनी से भी दावा कर सकते हैं. आपकी ओर से दावा करने के लिए सहायक भविष्य निधि आयुक्त की ओर से मंजूरी मिलने के बाद आपकी जमा रकम नयी कंपनी के खाते में ट्रांसफर हो जाएगी या फिर आप पैसे की निकासी भी कर सकते हैं.

बैंक से भी मिल सकता है दस्तावेजी प्रमाणपत्र : चौथा यह कि मान लें कोई कंपनी बंद हो गयी, उसके दावे को बैंक के केवाईसी दस्तावेजों के जरिये प्रमाणित किया जाएगा. ऐसी कंपनी के कर्मचारी बैंक में जाकर अपना पैन, राशन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र या फिर ड्राइविंग लाइसेंसे जमा करके केवाईसी प्रक्रिया को पूरी कर सकते हैं.

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