EPFO ने बदले अंशदान के नियम, कर्मचारियों को अब अगले तीन महीने मिलेगा बढ़ा हुआ वेतन

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान को जुलाई तक तीन महीनों के लिए मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर 10 प्रतिशत करने के निर्णय को लागू कर दिया है. इस फैसले से संगठित क्षेत्र के चार करोड़ 30 लाख कर्मचारी घर अधिक वेतन ले जा सकेंगे

By Agency | May 19, 2020 3:03 PM

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) अंशदान को जुलाई तक तीन महीनों के लिए मौजूदा 12 फीसदी से घटाकर 10 प्रतिशत करने के निर्णय को लागू कर दिया है. इस फैसले से संगठित क्षेत्र के चार करोड़ 30 लाख कर्मचारी घर अधिक वेतन ले जा सकेंगे और कोरोना वायरस महामारी के चलते नकदी संकट से जूझ रहे नियोक्ताओं को कुछ राहत मिलेगी.

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अनुमान है कि इस निर्णय से अगले तीन महीनों में 6,750 करोड़ रुपये की नकदी बढ़ेगी. श्रम मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि ईपीएफ योगदान में कमी मई, जून और जुलाई, 2020 के महीनों के लिए लागू होगी. ऐसे में जून, जुलाई और अगस्त में मिलने वाला वेतन अधिक होगा और नियोजकों के योगदान में भी कमी आएगी.

इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी. कर्मचारियों को सीधे मिलने वाली सैलरी में बढ़ोतरी होगी और कर्मचारी पहले से ज्यादा सैलरी घर ले जा पाएंगे. वहीं ईपीएफओ ने लॉकडाउन के दौरान भविष्य निधि अंशदान समय पर जमा नहीं कराने पर कंपनियों से कोई जुर्माना नहीं लेने का फैसला लिया है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्या किया था ऐलान

पिछले सप्ताह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत एक बड़ी घोषणा की थी. उन्होंने पीएफ भुगतान में राहत देने के लिए ईपीएफ योगदान को घटाने की घोषणा की थी. वित्त मंत्री ने कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का ही योगदान 12-12 फीसद से घटाकर 10-10 फीसद करने की घोषणा की थी. हालांकि, सीपीएसई और राज्यों के पीएसयू में नियोक्ता का योगदान 12 फीसद ही रखा गया है.

वित्त मंत्री ने कहा था कि ईपीएफ योगदान में कटौती की यह योजना उन कर्मचारियों के लिए भी है, जो 24 फीसद ईपीएफ सपोर्ट और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज व इसके विस्तार के अंतर्गत लाभ लेने के योग्य नहीं है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने छोटी कंपनियों के 15,000 से कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों का ईपीएफ योगदान सरकार द्वारा दिये जाने वाली योजना का तीन महीने और विस्तार करने की घोषणा भी की थी.

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