EPFO E- nomination: आज ही फाइल करें अपना ई-नॉमिनेशन, नहीं तो होगा नुकसान, जानें पूरा प्रोसेस

EPFO E- nomination: किसी खाते में ई-नामांकन होगा इसलिए जरूरी है ताकि सदस्य की मृत्यु होने पर भविष्य निधि पेंशन (ईपीएस) और बीमा (ईडीएलआई) लाभ लाभुक को आसानी से मिल सके. ऐसी स्थिति में नामिति को ऑनलाइन दावा प्रस्तुत की सुविधा भी प्रदान की जा रही है.

By Madhuresh Narayan | September 19, 2023 1:30 PM

EPFO E- nomination: कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund Organisation) में पैसा जमा करने वाले हर वेतनभोगी के लिए एक जरूरी खबर है. EPFO के द्वारा अपने खाताधारकों को ई-नामांकन (e-nomination) करने के लिए कहा है. संगठन के द्वारा बताया गया है कि किसी खाते में ई-नामांकन होगा इसलिए जरूरी है ताकि सदस्य की मृत्यु होने पर भविष्य निधि पेंशन (ईपीएस) और बीमा (ईडीएलआई) लाभ लाभुक को आसानी से मिल सके. ऐसी स्थिति में नामिति को ऑनलाइन दावा प्रस्तुत की सुविधा भी प्रदान की जा रही है. साथ ही, नामांकित व्यक्तियों को खाताधारक के कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) और कर्मचारी जमा लिंक्ड बीमा योजना (ईडीएलआई) में जमा पैसे भी मिलते हैं. ई-नामांकन के लिए www.epfindia.gov.in पर जा सकते हैं.

कैसे करें ई-नामांकन

ईपीएफओ में ई-नामांकन करने के लिए सबसे पहले ईपीएफओ मेंमबर ई-सेवा पोर्टल खोलें और अपने यूएएन, पासवर्ड और कैप्चा डालकर खाते में लॉगइन करें. इसके बाद, ऊपर दिये मेन्यू में सबसे पहले मैनेज और फिर वहां से ई-नामांकन के विकल्प को चुनें. इसके बाद एक नया पेज खुलेगा. यहां, नया नामांकन दर्ज करने के विकल्प को चुनें. इसके बाद, आपको स्क्रीन पर प्रोफाइल दिखाई देगा. यहां आगे बढ़े पर क्लिक करें. इसके बाद अगले स्क्रीन पर नामांकित व्यक्ति का आधार संख्या, नाम, लिंग, जन्म तिथि, संबंध, बैंक खाता विवरण और अभिभावक (यदि नामांकित व्यक्ति नाबालिग है), और नामांकित व्यक्ति की फोटो अपलोड करें. इसके बाद, अपने साथ उसका संबंध और क्लेम की राशि का प्रतिशत आदि विवरण दें. इसके उसे सेव कर दें.

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यूएएन नंबर को आधार नंबर से करना है जरूरी लिंक

ईपीएफओ सदस्यों को खाते में यूएएन नंबर को आधार नंबर से लिंक करना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही, कर्मचारियों ने नया खाता खोला हैं या अकाउंट के डिटेल्स में कोई बदलाव किया है, उन्हें भी आधार लिंक करना जरूरी है. आधार को लिंक करने के लिए सबसे पहले ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाएं. वहां मांगी गयी जानकारी देकर लॉगइन करें और खाते पर जाएं. मैनेज मेन्यू के अंतर्गत केवाईसी पर क्लिक करें. आधार विकल्प चुनें और अपना विवरण दर्ज करें. इसके बाद सेव पर क्लिक करें. यहां UIDAI डेटा का उपयोग करके वेरिफाइड किया जाएगा. केवाईसी पूरी होने के बाद आधार को ईपीएफ खाते से लिंक कर दिया जाएगा.

क्या है ईपीएफओ

भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की स्थापना 1951 में की गयी थी. भारत सरकार की इस वैधानिक संस्थान के द्वारा लोगों को सेवानिवृत्ति के लिए बचत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है. पीएफ पर मौजूदा ब्याज दर 8.15 फीसदी है. किसी वित्तीय वर्ष के अंत में ईपीएफ खाते में जमा होने वाली ब्याज राशि की गणना आसानी से करना संभव है. खाते में कुल शेष राशि जानने के लिए यह राशि वर्ष के अंत में नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान में जोड़ दी जाती है.

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पीएफ अकाउंट का कैसे चेक करें बैलेंस

ईपीएफओ अकाउंट में अपना बैलेंस चेक करने के लिए https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाएं. यहां अपने यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) और पासवर्ड से लॉग इन करें. यदि आपने अपना यूएएन सक्रिय नहीं किया है, तो आप लॉगिन पृष्ठ पर “यूएएन सक्रिय करें” पर क्लिक करके ऐसा कर सकते हैं. लॉग इन करने के बाद, “देखें” अनुभाग पर जाएं और अपने ईपीएफ खाते की शेष राशि, योगदान और लेनदेन देखने के लिए “पासबुक” पर क्लिक करें.

ईपीएफओ ने जारी किया SOP

खाता धारकों को अपने खाते से जुड़ी जानकारी जैसे नाम, जन्‍मतिथि और लिंग सहित 11 जानकारियों को अपडेट करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. ईपीएफओ ने एक स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किया है. ईपीएफ खाताधारकों को अपनी निजी जानकारियों को अपडेट की सुविधा मिलने से क्‍लेम के रिजेक्‍ट होने की संख्‍या में भी कमी आएगी और फ्रॉड होने का खतरा भी कम हो जाएगा. ईपीएफ खाताधारकों को अपनी निजी जानकारी खुद अपडेट करने की सुविधा मिलने से क्लेम रिजेक्ट होने की संख्या में कमी आएगी. साथ ही, साथ ऑनलाइन फ्रॉड का खतरा भी कम हो जाएगा.

ये 11 अपडेट आसानी से कर सकेंगे

ईपीएफओ के पास जमा जानकारियों और क्‍लेम करते वक्‍त क्‍लेम फॉर्म में भरी गई जानकारी के मेल नहीं खाने पर क्‍लेम रिजेक्‍ट हो जाता है. लेकिन अब ईपीएफओ ने एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि ईपीएफ सदस्‍य 11 डिटेल्‍स को सही या अपडेट कर सकते हैं. जिन जानकारियों को अपडेट किया जा सकता है, उनमें नाम (Name), लिंग (Gender), जन्म तिथि (Date of birth), पिता का नाम (Father’s name), संबंध (Relationship), वैवाहिक स्थिति (Martial status), जॉइन करने की तिथि (Date of joining), छोड़ने का कारण (Reason for leaving), छोड़ने की तिथि (Date of leaving), राष्ट्रीयता (Nationality) और आधार नंबर शामिल हैं.

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