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EPFO के मेंबर कर्मचारी भी खटाखट छाप सकते हैं नोट, रिटायरमेंट पर खटाक से 5 करोड़

EPFO: कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से ईपीएफ खाते में जमा कराए गए योगदान पर सरकार की ओर से सालाना 8.25% ब्याज देती है. ब्याज की रकम हर साल कर्मचारियों के खाते में जमा कराया जाता है. सरकार की ओर से सालाना आधार पर ईपीएफ योगदान पर ब्याज दर निर्धारित की जाती है.

EPFO : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य कर्मचारी भी अपनी गाढ़ी कमाई से धड़ाधड़ नोट छाप सकते हैं. इसके लिए यह कोई जरूरी नहीं है कि वे एसआईपी में निवेश करके ही करोड़पति बनें. ईपीएफ के जरिए भी पैसा जमा करके रिटायरमेंट की उम्र तक 3 से 5 करोड़ रुपये तक का फंड बनाया जा सकता है. इसमें सबसे खास बात यह है कि एसआईपी के जरिए बंपर रिटर्न देने वाली म्यूचुअल फंड कंपनियां भी निवेशकों के पैसों को शेयर बाजार में लगाते हैं और ईपीएफओ भी भविष्य निधि (पीएफ) में जमा कर्मचारियों के योगदान को शेयर बाजार में निवेश करता है और फिर उससे मिलने वाले रिटर्न पर कर्मचारियों को ब्याज दर देता है. आइए, जानते हैं कि ईपीएफओ के सदस्य कर्मचारी रिटायरमेंट तक 3 से 5 करोड़ तक कैसे जमा कर सकते हैं.

ईपीएफ खाते में कर्मचारियों का कितना होता है योगदान

कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) खाते में कर्मचारी और नियोक्ता दोनों का योगदान बराबर-बराबर होता है. सरकारी नौकरी करने वालों का नियोक्ता सरकार या सरकारी कंपनी होती है, वहीं प्राइवेट सेक्टर में काम करने वालों का नियोक्ता प्राइवेट कंपनी होती है. कर्मचारियों के मूल वेतन का करीब 12% हिस्सा ईपीएफ योगदान के तौर पर जमा होता है. वहीं, नियोक्ता की ओर से कर्मचारियों के योगदान के बराबर योगदान जमा कराना पड़ता है. अगर किसी कर्मचारी का मूल वेतन 20,000 रुपये है, तो उसका ईपीएफ योगदान 2,400 रुपये होगा और इतना ही योगदान नियोक्ता की ओर से कर्मचारी के ईपीएफ खाते में जमा किया जाता है. यानी 20,000 के मूल वेतन पर कर्मचारी के खाते में हर महीने 4,800 रुपये योगदान के तौर पर जमा किए जाते हैं.

ईपीएफ योगदान से बन सकते हैं करोड़पति

अब अगर आपको अपनी गाढ़ी कमाई से ईपीएफ के जरिए करोड़पति बनना है, तो ईपीएफ कैलकुलेट का इस्तेमाल करना करना होगा. ईपीएफ कैलकुलेटर के जरिए आप यह अनुमान लगा सकते हैं कि आप अपने मूल वेतन में से कितना ईपीएफ में योगदान देंगे कि आपके रिटायरमेंट तक आपके खाते में जमा रकम 1 करोड़ के पार पहुंच जाए.

ईपीएफ योगदान पर कितना ब्याज देती है सरकार

कर्मचारी और नियोक्ता की ओर से ईपीएफ खाते में जमा कराए गए योगदान पर सरकार की ओर से सालाना 8.25% ब्याज देती है. ब्याज की रकम हर साल कर्मचारियों के खाते में जमा कराया जाता है. सरकार की ओर से सालाना आधार पर ईपीएफ योगदान पर ब्याज दर निर्धारित की जाती है. खास बात यह है कि ईपीएफ खाते में जमा पैसों पर टैक्स नहीं लगता. यह सरकार की टैक्स फ्री योजना है.

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ईपीएफ योगदान से बन सकता है 3 से 5 करोड़ का फंड

अब अगर आपको रिटायरमेंट के समय 1 करोड़ से अधिक की रकम पाना है, तो आपको अपने योगदान की रकम को बढ़ाना होगा. अगर आप लगातार 40 साल तक 8,400 रुपये का योगदान करते हैं, तो मौजूदा 8.25% ब्याज के हिसाब से रिटायरमेंट के समय आपको कम से कम 3,01,94,804 की मोटी रकम मिल सकती है. वहीं, रिटायरमेंट के समय 5 करोड़ रुपये हासिल करने के लिए आपको हर महीने अपने वेतन से करीब 12,000 रुपये का योगदान करना होगा. ऐसा करने पर रिटायरमेंट के समय आपके ईपीएफ खाते में 5,08,70,991 रुपये जमा हो जाएंगे.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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