EPFO New Rule : कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच हजारों लोगों की मदद करने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हाल ही में एम्प्लाइज डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस (ईडीएलआई) योजना के तहत बीमा के अधिकतम लाभ को बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया है. श्रम मंत्रालय के अनुसार, नियोक्ता को बिना किसी अतिरिक्त लागत के कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गई है.
ईडीएलआई योजना एक अनिवार्य बीमा कवर है, जो ईपीएफ के सभी सब्सक्राइबर्स को प्रदान किया जाता है. प्राकृतिक कारणों, बीमारी या दुर्घटना के कारण मौत होने पर नॉमिनी को 7 लाख रुपये तक एकमुश्त रकम का भुगतान किया जाता है. ईपीएफ एंड मिसलेनियस प्रोविजन एक्ट-1952 के तहत आने वाले सभी संगठन ईडीएलआई के लिए ऑटोमेटिकली एनरॉल हो जाते हैं.
अभी हाल ही में जारी एक अधिसूचना में ईपीएफओ ने कहा कि मिनिमम डेथ इंश्योरेंस को क्रमशः 2 लाख रुपये और 6 लाख रुपये की पूर्व सीमा से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये और अधिकतम 7 लाख रुपये कर दिया गया है. इंश्योरेंस कवर मौत से पहले जॉब के अंतिम 12 महीनों के दौरान पाए गए वेतन पर निर्भर करता है. नियोक्ता और केंद्र सरकार ईडीएलआई योजना में योगदान करते हैं. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक कर्मचारी को लाभ प्राप्त करने के लिए डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में योगदान करने की आवश्यकता नहीं है. इस योजना के तहत दावा राशि पिछले 12 महीनों में औसत मासिक वेतन का 30 गुना अधिकतम 7 लाख तक है.
श्रम मंत्रालय ने कहा कि ईडीएलआई का न्यूनतम बीमा लाभ एक मृतक कर्मचारी के परिवार के सदस्यों को प्रदान किया जाएगा, जिनकी सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, भले ही उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले के 12 महीनों में एक से अधिक फर्म में काम किया हो. मंत्रालय ने कहा कि इससे कॉन्ट्रैक्ट या असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को एक संस्थान में लगातार एक साल तक एक ही संस्थान में काम करने की स्थिति में लाभ से वंचित होना पड़ेगा.
ईडीएलआई योजना केंद्र सरकार की ओर से 15 फरवरी 2020 को लागू की गई है. श्रम मंत्रालय ने कहा कि आगामी तीन सालों के दौरान वित्त वास्तव में अनुमान लगाया गया है कि पात्र परिवार के सदस्यों को वर्ष 2021-22 से 2023-24 में ईडीएलआई फंड से 2,185 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा. उसने कहा कि इस योजना के तहत मृत्यु के कारण होने वाले दावों की संख्या हर साल करीब 50,000 परिवार होने का अनुमान लगाया गया है. इसमें करीब 10,000 श्रमिकों की कोरोना से होने वाली अनुमानित मृत्यु को ध्यान में रखते हुए दावों में वृद्धि शामिल है.
Also Read: कोरोना को मात देने वालों के मानसिक तनाव को दूर करने का क्या है उपाय? जानिए, क्या कहते हैं एक्सपर्ट…
Posted by : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.