EPFO के तरफ से आई बड़ी खुशखबरी! अब महीने के आखिरी दिन ही खाते में आ जाएगा पेंशन का पैसा
पेंशनभोगियों के सालों की मांग को अब पूरा करते हुए ईपीएफओ ने बड़ा फैसला लिया है. पेंशन पाने के लिए पहले हर महीने के 1 से 5 तारीख का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब कॉरपोरेट सेक्टर की तर्ज पर पेंशन की राशि महीने की अंतिम तारीख को ही मिल जाएगी.
EPFO news: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO ने अपने लाखों पेंशनभोगियों की समस्या का समाधान करते हुए बड़ा फैसला लिया है. दरअसल साल के शुरूआती महीने में यह फैसला लेकर EPFO ने एक बड़ा तोहफा दिया है. पेंशनभोगियों के सालों की मांग को अब पूरा कर दिया गया है. पेंशन पाने के लिए पहले हर महीने के 1 से 5 तारीख का इंतजार करना पड़ता था लेकिन अब कॉरपोरेट सेक्टर की तर्ज पर पेंशन की राशि महीने की अंतिम तारीख को ही मिल जाएगी. इसके लिए ईपीएफओ मुख्यालय की तरफ से अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए निर्देश जारी कर दिए गए हैं. यह व्यवस्था जनवरी से लागू कर दी जाएगी. हालांकि केवल मार्च महीने के लिए पेंशन की राशि अप्रैल की पहली तारीख या इसके बाद भेजा जा सकता है.
ईपीएफओ ने जारी बयान में क्या कहा?
EPFO की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पेंशनधारियों की समस्याओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इस दौरान आरबीआई के गाइडलाइंस को भी ध्यान में रखा गया है. मुख्यालय के तरफ से सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को ये निर्देश दिए गए हैं कि सभी क्षेत्रीय अधिकारी इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखें कि बैंकों को हर महीने का बीआरएस समय पर भेजा जाए. यह भी जरूर सुनिश्चित कर लें कि पेंशनभोगियों के पैसे समय से उनके खाते में ट्रांसफर हो जाए. निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है कि बैंक की तरफ से पेंशनभोगियों के खाते में पैसे भेजने के 2 दिन पहले ही बैंकों को ईपीएफओ की तरफ से राशि ट्रांसफर कर दिए जाए, जिससे लोगों को समय पर पेंशन की राशि मिल सके. इतना ही नहीं ईपीएफओ के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वो अपने क्षेत्र में पड़ने वाले सभी बैंकों को इसे लेकर जरूरी निर्देश दें जिससे इस फैसले को सही तरीके से लागू किया जा सके और लोगों तक इसका लाभ पहुंच सके.
क्या है EPFO योजना
आपको बता दें नौकरीपेशा लोगों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि एक रिटायर्मेंट योजना है जिसे संगठन के तौर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन चलाता है. इस योजना के तहत कर्मचारियों और उसके नियोक्ता यानी कंपनी की तरफ से हर महीने बराबर राशि का योगदान देना होता है. यह राशि कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 12 फीसदी होता है.
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