EPFO: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बुरी खबर आ सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आने वाले दिनों में पीएफ पर मिलने वाला ब्याज कम हो सकता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को सरप्लस के अनुमान के बाद भी घाटा हो गया था. अनुमान था कि ईपीएफओ के पास 449.34 करोड़ रुपये का सरप्लस रहेगा, जबकि उसे 197.72 रुपये के घाटा हो गया.
इसके बाद, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन नये सिरे से पीएफ पर दिए जा रहे ब्याज की दरों को लेकर विचार करने का निर्णय लिया है. वर्तमान में EPFO ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जमा राशि पर ब्याज की दर 8.15 फीसदी तय की थी.
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय का मानना है कि संगठन को हुए घाटे को ध्यान में रखते हुए पीएफ की ब्याज दर पर पुनर्विचार जरूरी है. वित्त मंत्रालय पीएफ के ब्याज दरों को कम करने और बाजार दरों के समतुल्य लाने पर विचार कर रहा है.
पीएफ पर ब्याज की दरें लगातार कम होती जा रही हैं. वित्त वर्ष 2015-16 में पीएफ पर ब्याज की दर 8.80 फीसदी से घटाकर 8.70 फीसदी की गई थी, जिसे यूनियनों के विरोध के बाद फिर से 8.80 फीसदी कर दिया गया था.
पीएफ पर ब्याज की दर 2021-22 में 8.10 फीसदी के निचले स्तर पर आ गई थी. इसके बाद, 2022-23 में इसमें संगठन के द्वारा मामूली बढ़त करते हुए 8.15 फीसदी कर दिया गया.
वर्तमान में ईपीएफओ यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में सब्सक्राइबर्स की संख्या 6 करोड़ से ज्यादा है.
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