नयी दिल्ली : देश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पेंशनभोगी अब अपने पेंशन फंड (पीएफ) से एकमुश्त राशि निकाल सकते हैं. इसके लिए ईपीएफओ की ओर से 105 करोड़ रुपये के एरियर के साथ 868 करोड़ रुपये की रकम जारी कर दी गयी है. इससे देश के करीब 6.3 लाख उन पेंशनभोगियों को फायदा होगा, जिन्होंने 25 सितंबर 2008 को या फिर उसके पहले कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) के विकल्प को चुना था.
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दरअसल, इस साल की 25 फरवरी को ही देश के लाखों पेंशनधारियों को ज्यादा पेंशन मिलने का रास्ता साफ कर दिया था. सरकार ने रिटायरमेंट के 15 साल बाद पूरी पेंशन का प्रावधान बहाल कर दिया है. इसे 2009 में वापस ले लिया गया था. श्रम मंत्रालय ने उसी समय नये नियमों को अधिसूचित कर दिया था. इसके अलावा, कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) स्कीम के तहत पीएफ खाताधारकों के लिए पेंशन के कम्यूटेशन यानी एकमुश्त आंशिक निकासी का प्रावधान भी अमल में आ गया है.
इस कदम से पेंशन में काफी बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. यह कदम खासतौर से उन ईपीएफओ पेंशनर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा, जो 26 सितंबर, 2008 से पहले रिटायर हुए हैं और पेंशन की आंशिक निकासी का विकल्प चुना है. कम्यूटेड पेंशन का विकल्प चुनने की तारीख से 15 साल बाद उन्हें पूरी पेंशन का फायदा दोबारा मिलने लगेगा.
कर्मचारी पेंशन स्कीम (ईपीएस) के नियमों के अनुसार, 26 सितंबर, 2008 के पहले रिटायर हुए ईपीएफओ मेंबर अपनी पेंशन का अधिकतम एक-तिहाई एकमुश्त यानी कम्यूटेड पेंशन के तौर पर पा सकते हैं. बाकी की दो-तिहाई पेंशन उन्हें जिंदगीभर हर महीने पेंशन के तौर पर मिलती रहेगी.
बता दें कि पीएफ खाताधारक अपने रिटायरमेंट के बाद पेंशन की जो राशि हर महीने पाने के हकदार हैं, उसमें से एक निश्चित राशि अगर अग्रिम राशि के तौर पर एकमुश्त निकालते हैं, तो उसे पेंशन का कम्यूटेशन कहते हैं. 26 सितंबर 2008 से पहले यह नियम था कि पीएफ खाताधारक रिटायरमेंट के बाद अपने 100 महीने की पेंशन का एक-तिहाई हिस्सा एकमुश्त अग्रिम राशि के तौर पर निकाल सकते हैं. 15 साल के बाद पूरी पेंशन की बहाली का प्रावधान था. पूरी मासिक पेंशन को बहाल करने के प्रस्ताव को ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी ने 21 अगस्त, 2019 को हरी झंडी दी थी.
Posted By : Vishwat Sen
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