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Explainer: जानिए Voter Id को Aadhaar से लिंक करना कितना जरूरी है?

Explainer: वोटर आईडी को आधार संख्या से जोड़ने के लिए देश के कई राज्यों में विशेष कैंप लगाए जाने की बात सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक, कैंप के माध्यम से मतदाताओं के आधार संख्या को वोटर आईडी से जोड़ने का काम किया जाएगा.

Explainer: वोटर आईडी को आधार संख्या से जोड़ने के लिए देश के कई राज्यों में विशेष कैंप लगाए जाने की बात सामने आ रही है. जानकारी के मुताबिक, कैंप के माध्यम से मतदाताओं के आधार संख्या को वोटर आईडी से जोड़ने का काम किया जाएगा. बताया जा रहा है कि निर्वाचन कार्यालय द्वारा विशेष जोर लगाया जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक मतदाताओं के वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक किया जा सके.

रद्द होगा वोटर आईडी?

चर्चा यह भी है कि चुनावों में गड़बड़ी से बचने के लिए इलेक्शन कमीशन आधार कार्ड को वोटर आईडी से लिंक करने का अभियान चला रहा है. चुनाव आयोग का कहना है कि इस तरह इलेक्शन में डुप्लीकेसी से बचा जा सकेगा. दरअसल, एक ही व्यक्ति के नाम कई जगह पर वोटर आइडी कार्ड बने हैं. इससे डुप्लीकेसी पर रोक लगेगी और ऐसे मतदाताओं को चिन्हित कर उनका मतदाता सूची से नाम हटाया जाएगा. इसी कड़ी में ऐसे उदाहरण ऑनलाइन के माध्यम से सामने आए हैं, जहां ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने व्यक्तियों से अपने आधार को अपने वोटर आईडी से जोड़ने के लिए कहा है. ऐसा नहीं करने पर उनकी वोटर आईडी रद्द की जा सकती है. यह मतदाता पहचान पत्र के जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए चुनाव आयोग (ईसी) के अभियान के बाद आया है.

क्यों जरूरी है लिंक करना?

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने भी इसके पीछे की वजह बताई है कि आखिर आधार और वोटर आईडी कार्ड लिंक करना आपस में क्यों जरूरी है. चुनाव कानून (संशोधन) अधिनियम 2021 को आधार संख्या के साथ मतदाता सूची डेटा को जोड़ने के लिए अधिनियमित किया गया है. हाल ही में कानून और न्याय मंत्री किरण रिजिजू ने राज्यसभा में भी इसकी बात उठाई थी. भारत के चुनाव आयोग ने सूचित किया है कि आयोग आधार डेटाबेस तक पहुंच के बिना भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा निर्धारित मौजूदा मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार मतदाता सूची में प्रवेश के साथ आधार संख्या को लिंक करेगा.

लिंक करने के क्या होंगे फायदे?

बताया जा रहा है कि फर्जी मतदान को लगाम लगाने के लिए चुनाव आयोग ने वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक करने की पहल शुरू की है, जिससे चुनाव के समय देश में फर्जी वोटिंग के मामलों पर लगाम लगाई जा सके. इसको लेकर सरकार ने देशभर में एक बड़ा अभियान चलाया है. इसकी मदद से एक से ज्यादा क्षेत्र में एक ही व्यक्ति के नाम के रजिस्ट्रेशन की पहचान होगी. इसके साथ ही एक फोटो आधारित मतदाता लिस्ट बनाने में मदद मिलेगी, जो डुप्लीकेशंस को काफी कम करेगा.

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