भारत-यूएई व्यापार समझौते का निर्यातकों ने किया स्वागत, वाणिज्य सचिव बोले- आभूषण क्षेत्र को होगा फायदा
India-UAE CEPA: खाड़ी देश को यहां के सोने के बाजार में अधिक पहुंच मिलेगी, क्योंकि भारत 200 टन तक के स्वर्ण आयात पर शुल्क में छूट देगा. और क्या-क्या फायदे होंगे, यह भी जानें...
India-UAE CEPA: भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मुक्त व्यापार समझौता संपन्न होने का निर्यातकों ने स्वागत किया है. कहा है कि इससे देश के निर्यात को बढ़ाने तथा रोजगार सृजन में मदद मिलेगी. वहीं, वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने शनिवार को कहा कि इस समझौते से घरेलू आभूषण क्षेत्र को यूएई (UAE) के बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी. इससे निर्यात को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा.
200 टन के सोना के आयात शुल्क में मिलेगी छूट
श्री सुब्रह्मण्यम ने कहा कि दूसरी ओर खाड़ी देश को यहां के सोने के बाजार में अधिक पहुंच मिलेगी, क्योंकि भारत 200 टन तक के स्वर्ण आयात पर शुल्क में छूट देगा. भारत ने वर्ष 2020-21 में यूएई से करीब 70 टन सोना आयात किया था.
साल में 800 टन होता है सोना का आयात
उन्होंने कहा, ‘हम सोने के एक प्रमुख आयातक देश हैं. भारत हर साल लगभग 800 टन सोना आयात करता है. इस विशेष समझौते में, हमने उन्हें (यूएई) 200 टन का टीआरक्यू (टैरिफ रेट कोटा) दिया है, जहां शेष विश्व के लिए जो भी आयात शुल्क लगाया जायेगा, उससे शुल्क हमेशा एक प्रतिशत कम होगा.’
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आभूषणों पर 5 फीसदी शुल्क को घटाकर किया 0
श्री सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत के लिए सबसे बड़ा लाभ यह है कि घरेलू आभूषणों के लिए यूएई के बाजार में ‘शून्य शुल्क पहुंच’ मिलेगी. उन्होंने कहा कि अभी तक भारतीय आभूषणों पर 5 प्रतिशत शुल्क था, जो अब शून्य हो गया है, जिससे रत्न और आभूषण क्षेत्र को लाभ होगा.
Gems and Jewellery sector to benefit from India-UAE CEPA: Commerce Secretary
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— ANI Digital (@ani_digital) February 19, 2022
लाखों रोजगार का होगा सृजन
भारत और यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने से द्विपक्षीय व्यापार को अगले पांच साल में 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने और लाखों की संख्या में रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारत और यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद कहा था कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) मई में प्रभावी हो सकता है और पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 प्रतिशत उत्पादों के लिए यूएई को निर्यात का रास्ता खुल जायेगा.
ऑनलाइन शिखर वार्ता में हुआ समझौता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अबु धाबी के शहजादा शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ऑनलाइन शिखर वार्ता के दौरान व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किये गये. समझौते पर भारत की तरफ से गोयल और यूएई के अर्थव्यवस्था मामलों के मंत्री अब्दुल्ला बिन तौक अल मर्री ने हस्ताक्षर किये. दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को और मजबूत बनाने को लेकर रूपरेखा भी जारी की.
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88 दिन में पूरा हुआ 881 पेज का समझौता
मुक्त व्यापार समझौते से भारत और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेंगे. इसमें बेहतर बाजार पहुंच और कम शुल्क दरें शामिल हैं. इस एफटीए से अगले पांच साल में दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार मौजूदा 60 अरब डॉलर से बढ़कर 100 अरब डॉलर पहुंच जाने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि भारत और यूएई ने व्यापार समझौते के लिये औपचारिक बातचीत पिछले साल सितंबर में शुरू की थी. कुल 881 पृष्ठ के समझौते को रिकार्ड 88 दिनों में ही पूरा कर लिया गया.
निर्यातक संगठनों ने किया स्वागत
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के अध्यक्ष नरेंद्र गोयनका ने कहा कि इस समझौते से यूएई में भारत की स्थिति और मजबूत होगी. उन्होंने कहा कि इस समझौते से भारतीय रेडीमेड कपड़ों पर पांच प्रतिशत शुल्क खत्म हो जायेगा, जिससे भारतीय कपड़ा उद्योग को बढ़त मिलेगी.
श्रम प्रधान क्षेत्रों को होगा लाभ
भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फिओ) के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा कि यह समझौता भारतीय निर्यात के लिए फायदेमंद होगा. उन्होंने कहा कि खासतौर पर कृषि और प्रसंस्करण, समुद्री उत्पादों, रत्न और आभूषण, परिधान और वस्त्र, चमड़े और जूते जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों को इससे लाभ होगा.
90 प्रतिशत उत्पादों के लिए खुल जायेंगे यूएई के रास्ते
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को भारत और यूएई के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर होने के बाद कहा था कि व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) मई में प्रभावी हो सकता है. पहले दिन से ही भारतीय हित से जुड़े करीब 90 प्रतिशत उत्पादों के लिए यूएई को निर्यात का रास्ता खुल जायेगा.
एजेंसी इनपुट के साथ
Posted By: Mithilesh Jha
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