फेसबुक के बाद अब निजी इक्विटी फर्म विस्टा इक्विटी पार्टनर्स जियो ( Jio )प्लॉफार्म में 2.32 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 11,367 करोड़ रुपये का निवेश करेंगा. फेसबुक और सिल्वर लेक के जियो में निवेश के बाद यह आरईएल ( RIL )में पिछले दो सप्ताह में यह तीसरी बड़ी डील है. रिलायंस इंडस्ट्रीज और जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड ने आज इसकी घोषणा की. यह निवेश Jio प्लेटफॉर्म की 4.91 लाख करोड़ की वैल्यू पर होगा और इंटरप्राइजेज वैल्यू अब 5.16 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी. अमेरिका बेस्ड प्राइवेट इक्विटी फर्म दुनिया की सबसे बड़ी विशेष रूप से टेक फोकस्ड फंड है. अप्रैल में घोषित फेसबुक सौदे के मुकाबले विस्टा का निवेश 12.5 प्रतिशत प्रीमियम पर है. इस नये सौदे के साथ तीन हफ्ते के अंदर जियो प्लेटफॉर्म्स ने टेक्नोलॉजी इन्वेस्टर्स से 60,596.37 करोड़ रुपये जुटाए हैं.
Reliance Jio Infocomm 388 मिलियन यूजर बेस के साथ भारत की सबसे बड़ी दूर संचार कंपनी है. Jio Platforms के तहत Jio Cinema, Jio Saavn और Haaptik भी आते हैं. भारत में फेसबुक के 400 मिलियन यूजर्स हैं. कंसल्टेंसी पीडब्ल्यूसी के अनुसार, भारत में साल 2022 में इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर 850 मिलियन होने की उम्मीद है. फेसबुक ने जियो में 9.9 प्रतिशत हिस्सेदारी 43,534 करोड़ रुपये में और सिल्वर लेक ने 1.55% हिस्सेदारी के लिए 5655 करोड़ का निवेश किया. इस हफ्ते की शुरुआत में Jio में सिल्वर लेक द्वारा किया गया निवेश भी फेसबुक सौदे के समान प्रीमियम पर था.
आरआईएल ने कहा कि यह भारत में विस्टा का पहला बड़ा निवेश है. वर्तमान में, विस्टा पोर्टफोलियो कंपनियों के पास भारत में 13,000 से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं. विस्टा का शुरुआती चरण में तकनीकी कंपनियों में निवेश करने का एक ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. इसका प्रत्येक निवेश 10 वर्षों में प्रॉफिटेबल रहा है. विस्टा का निवेश अगली पीढ़ी के सॉफ्टवेयर और प्लेटफॉर्म कंपनी के रूप में Jio को प्रदर्शित करता है. यह Jio की तकनीकी क्षमताओं की ताकत का भी समर्थन करता है. और इस COVID-19 की इस दुनिया में और उससे आगे भी बिजनेस मॉडल आगे ले जाने की क्षमता है.
विस्टा के चेयरमैन और सीईओ रॉबर्ट एफ स्मिथ ने कहा कि Jio भारत के लिए निर्माण कर रहा है. उन्होंने कहा कि हम भारत भर में कनेक्टिविटी में वृद्धि प्रदान करने के लिए Jio प्लेटफार्मों के साथ जुड़ने के लिए काफी उत्साहित है. साथ ही कहा कि भारत में आधुनिक तकनीक के जरिये उपभोक्ता आधुनिक हो रहे हैं. उन्हें बेहतर सॉफ्टवेयर की जरूरत है. यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. जियो की लॉन्चिंग के बाद रिलायंस देश की एकमात्र ऐसी कंपनी के रूप में उभरी है, जो तेजी से बढ़ते भारतीय बाजार में अमेरिकी तकनीकी समूहों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम है. रिलायंस ने मोबाइल टेलीकॉम से लेकर होम ब्रॉडबैंड तक हर चीज में ई-कॉमर्स का विस्तार किया है.
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