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ITR में खर्च का फर्जी दावा किया तो पड़ेगा भारी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने दी हिदायत

ITR: आयकर विभाग (Income Tax Department) और उसके प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, 26 जुलाई तक पांच करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं. आयकर विभाग ने बताया था कि करदाताओं से समय पर रिफंड (Refund) पाने के लिए अपने रिटर्न सही ढंग से दाखिल करने चाहिए.

By KumarVishwat Sen | July 29, 2024 3:20 PM
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ITR: अगर आप आयकर रिटर्न दाखिल (ITR Filing) करने जा रहे हैं और उसमें आमदनी को कम और छूट पाने के लिए खर्च फर्जी दावा किया है, तो यह आपके लिए भारी पड़ सकता है. आयकर विभाग (Income Tax Department) ने रिटर्न दाखिल करने वाले सभी टैक्सपेयर्स को हिदायत दी है कि आईटीआर वे खर्च के फर्जी दावे (ITR Fake Claims) न करें और अपनी आमदनी को कम करके नहीं दिखाएं. विभाग ने कहा है कि बढ़ा-चढ़ाकर खर्च दिखाना और फर्जी दावे करना दंडनीय अपराध है और इससे रिफंड जारी करने में देरी होती है.

31 जुलाई आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख

आयकर विभाग की ओर से कहा गया है कि सभी करदाताओं (Taxpayers) के लिए आकलन वर्ष 2024-25 (AY 2024-25) के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम (ITR Filing last Date) तारीख 31 जुलाई है. इसके बाद खातों का ऑडिट नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही, आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद 60 दिन के अंदर उन्हें सत्यापित भी करना है और इन 60 दिनों का पहला दिन आयकर रिटर्न दाखिल करने की तारीख होगी.

पांच करोड़ लोगों ने दाखिल किया आईटीआर

आयकर विभाग (Income Tax Department) और उसके प्रशासनिक निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, 26 जुलाई तक पांच करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए जा चुके हैं. आयकर विभाग ने बताया था कि करदाताओं से समय पर रिफंड (Refund) पाने के लिए अपने रिटर्न सही ढंग से दाखिल करने चाहिए. विभाग ने कहा कि रिफंड के दावों की जांच सत्यापन (Claims Verification) के अधीन होती है, जिससे देरी हो सकती है.

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दावों में विसंगति होने पर दाखिल करना होगा संशोधित आईटीआर

आईटीआर (ITR) सही तरीके से दाखिल करने से रिफंड की प्रक्रिया में तेजी आती है. किए गए दावों में कोई भी विसंगति होने पर संशोधित रिटर्न (Revised Returns) के लिए अनुरोध किया जाएगा. आयकर विभाग ने आईटीआर दाखिल करने वाले करदाताओं से गलत स्रोत पर कर कटौती (TDS) राशि का दावा न करने, अपनी आमदनी को कम न बताने या कटौती को बढ़ा-चढ़ाकर न बताने का आग्रह किया है.

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