नई दिल्ली : भारत में आतिथ्य सेवा (Hospitality) क्षेत्र के प्रमुख संगठन फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) ने कहा कि लोकल शॉपिंग में फॉरेन टूरिस्टों को जीएसटी रिफंड करने की सरकारी योजना से भारत का पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलने के साथ ही पहले की अपेक्षा वर्तमान समय में अधिक पर्यटक आकर्षित होंगे.
एफएचआरएआई ने अपने एक बयान में कहा कि सरकार की यह योजना शुरुआत में कॉटेज इंडस्ट्रीज, एंपोरियम और आउटलेट्स तक सीमित हो सकती है. उसने सरकार को प्रस्ताव दिया है कि जीएसटी रिफंड को देश में विदेशी पर्यटकों द्वारा की गई सभी खरीद पर बढ़ाया जाए. एफएचआरएआई ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी (एमआईसीई) कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भारत आने पर मुफ्त वीजा की मांग भी की है.
एफएचआरएआई के संयुक्त सचिव प्रदीप शेट्टी ने कहा कि महंगाई के दौर में सरकार की इस पहले से आतिथ्य और पर्यटन उद्योग को काफी समर्थन मिलेगा. उन्होंने कहा कि विदेशी कारोबारियों और कंपनियों को भारत आने पर मुफ्त वीजा की पेशकश विदेशी कंपनियों को देश में एमआईसीई कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित करेगी और घरेलू आतिथ्य सेवाओं के कारोबार को बढ़ावा देने में मदद करेगी.
आतिथ्य सेवा क्षेत्र के प्रमुख संगठन के संयुक्ति सचिव प्रदीप शेट्टी ने आगे कहा, ‘इतना ही नहीं, विदेशी पर्यटकों को जीएसटी रिफंड देना उनके लिए यादगार बन जाएगा. इसके साथ ही, उन्हें अपने घर ले जाने के लिए भारत में उत्पादित सामान खरीदने के लिए अधिक खर्च करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा.’ उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों के लिए भारत सबसे सस्ता गंतव्य है, क्योंकि अमेरिकी मुद्रा डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने की वजह से भारत विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना है.
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मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम जीएसटी कानून के दायरे में है. यूनिफाइड जीएसटी एक्ट एक ऐसे व्यक्ति द्वारा देश से बाहर ले जाने वाले सामान पर रिफंड की अनुमति देता है, जो आम तौर पर भारत का निवासी नहीं है और गैर-अप्रवासी उद्देश्यों के लिए छह महीने से अधिक समय तक देश में नहीं है.
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