FIITJEE: भारत में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले प्रसिद्ध संस्थान FIITJEE ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार के कुछ कोचिंग सेंटर अचानक बंद कर दिए हैं. यह घटनाक्रम मुख्य रूप से शिक्षकों को वेतन न मिलने के कारण हुआ है. इन बंद सेंटरों में दिल्ली-एनसीआर, नोएडा, मेरठ, गाजियाबाद, लखनऊ, वाराणसी, भोपाल और पटना जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं, जिससे सैकड़ों छात्र प्रभावित हो रहे हैं.
वेतन विवाद और शिक्षकों की बर्खास्तगी
FIITJEE के कई शिक्षक लंबे समय से वेतन न मिलने की शिकायत कर रहे थे. इन समस्याओं के कारण कई शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी. अधिकारियों के अनुसार, नोएडा में शिक्षकों की व्यवस्था करने की कोशिश की गई थी, लेकिन यह प्रयास असफल रहा. इसके बाद, FIITJEE को इन सेंटरों को बंद करने का फैसला लेना पड़ा.
अभिभावकों की नाराजगी और कानूनी कार्रवाई
कोचिंग सेंटरों के बंद होने से छात्रों और उनके अभिभावकों में असंतोष का माहौल है. कई अभिभावकों ने इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है. गाजियाबाद में, अभिभावकों ने FIITJEE पर आरोप लगाया कि संस्थान ने बिना पूर्व सूचना के कोचिंग सेंटर बंद कर दिए और इससे उनके बच्चों की शैक्षणिक तैयारी पर असर पड़ा.
FIITJEE की अचानक बंदी से संस्थान की वित्तीय स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं. हालांकि, सबसे बड़ी चिंता यह है कि इस बंदी का उत्तर भारत के हजारों छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, जिनकी परीक्षा की तैयारी महत्वपूर्ण चरण में है. इन छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में अनिश्चितता आ गई है.
लाइसेंसिंग और सुरक्षा नियमों का उल्लंघन
FIITJEE को अपनी शाखाओं के खिलाफ प्रशासनिक और नागरिक कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. संस्थान पर लाइसेंसिंग और अग्नि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है.
इस घटनाक्रम से यह स्पष्ट होता है कि FIITJEE को अपनी आंतरिक समस्याओं और कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए अपनी संचालन नीतियों में सुधार करने की आवश्यकता है.
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