नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार को कहा कि नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश के खिलाफ टाटा संस (Tata Sons) और साइरस इंवेस्टमेन्ट्स (Cyrus Invesments) की एक दूसरे के खिलाफ दायर अपील पर दो दिसंबर को अंतिम सुनवाई की जाएगी. इस ट्रिब्यूनल ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह (Tata Group) के कार्यकारी चेयरमैन (Executive Chairman) पद पर बहाल कर दिया था.
प्रधान न्यायाधीश (CJI) एसए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन की पीठ ने साइरस मिस्त्री और उनकी फर्म की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सीए सुंदरम से जानना चाहा कि जब यह मामला पहले ही अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, तो फिर बार-बार आवेदन करने का क्या औचित्य है?
सुंदरम ने जब यह कहा कि वह कुछ नया शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाना चाहते थे, तो पीठ ने कहा, ‘क्या अंतिम सुनवाई में ये मुद्दे नहीं आयेंगे? इन आवेदनों में उठाये जा रहे सारे मुद्दे अंतिम सुनवाई के दौरान उठाए जा सकते हैं.
टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (Tata Sons Pvt LTD) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि न्यायालय 22 सितंबर को ही इस मामले को अंतिम सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर चुका है. पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘इन मामले को अंतिम सुनवाई के लिए दो दिसंबर को सूचीबद्ध किया जाए.
अदालत ने 22 सितंबर को शापूरजी पालोनजी समूह (Shapoorji Pallonji Group) और साइरस मिस्त्री को टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड के शेयर गिरवी रखने या हस्तांतरित करने से रोक दिया था. एसपी समूह के पास टाटा संस के 18.37 फीसदी शेयर हैं.
एसपी समूह ने कहा था कि टाटा संस ने धन की व्यवस्था के लिए इन शेयरों को गिरवी रखने की उसकी योजना में बाधा डालने के लिए शीर्ष अदालत मे याचिका दायर की और यह अल्पसंख्यक शेयरधारक के अधिकारों का हनन है.
टाटा संस ने 5 सितंबर को शीर्ष अदालत में मामला दायर कर मिस्त्री समूह को पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयर गिरवी रखने से रोकने का अनुरोध किया था. टाटा संस इस याचिका के माध्यम से एसपी समूह को शेयरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गिरवी करने से रोकना था.
Also Read: PM Kisan : इन वजहों से रुक सकती पीएम किसान की 7वीं किस्त, चेक करके सुधरवा लें रिकॉर्ड
एसपी समूह की योजना विभिन्न स्रोतों से 11,000 करोड रुपये की व्यवस्था करने की है और उसने टाटा संस में अपने 18.37 फीसदी शेयरों के एक हिस्से के एवज में कनाडा के एक निवेशक के साथ 3,750 करोड़ रूपए के करार पर हस्ताक्षर किए थे.
इससे पहले, टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड ने शीर्ष अदालत से कहा था कि वह दो समूह की कंपनी नहीं है और उसमें उसकी और साइरस इन्वस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच ‘अर्ध-सहभागिता’ वाली कोई बात नहीं है.
Posted By : Vishwat Sen
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.