नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि सरकार का प्रयास प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) कानून को और सरल बनाना है. उन्होंने यह भी कहा कि करदाताओं को एक नयी सरल कर व्यवस्था का विकल्प देने जैसे कुछ महत्वपूर्ण सुधार किये गये हैं. वित्त मंत्री ने 160वें आयकर दिवस पर अपने संदेश में करदाताओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 महामारी के दौरान उठाये गये कदमों के लिए विभाग की सराहना की.
विभाग ने विभिन्न प्रकार के नियमों के अनुपालन जरूरतों में छूट दी है और इकाइयों की नकदी की चिंता को भी दूर किया है. उन्होंने कहा कि विभाग ने कर प्रशासन को करदाताओं के अनुकूल और पारदर्शी बनाया है. साथ ही, स्वैच्छिक अनुपालन को सुगम बनाने के लिए कदम उठाया है, जो सराहनीय है.
सीतारमण ने कहा कि हाल के समय में विभाग की भूमिका में व्यापक बदलाव आया है और वह केवल राजस्व संग्रह संगठन नहीं रहा, बल्कि नागरिक केंद्रित प्रतिष्ठान बन गया है. उन्होंने कहा कि हमारा यह निरंतर प्रयास रहा है कि प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाया जाए. इसके तहत हमने अपने करदाताओं के लिए नयी वैकल्पिक सरल कर व्यवस्था को बढ़ावा देकर प्रमुख कर सुधार किया है. उनके पास (करदाताओं) अब पुरानी कर व्यवस्था या नयी सरल प्रणाली के चयन का विकल्प है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने छूटों को समाप्त कर कंपनी कर की दरों को कम किया है. साथ ही, कंपनियों को विनिर्माण शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान के अनुरूप है. उन्होंने कहा कि विभाग ने प्रौद्योगिकी के मोर्चे पर कदम उठाया है, ताकि ईमानदार करदाताओं के लिए चीजें आसान हो और राजस्व की चोरी पर लगाम लगाया जा सके. वित्त मंत्री ने कहा, ‘मुझे भरोसा है कि विभाग देश की वृद्धि और समृद्धि में अहम भूमिका निभात रहेगा, बल्कि पेशेवर होने के नये मानदंड पेश करेगा.
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Posted By : Vishwat Sen
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