नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को शहरी आवास योजना के लिए 18,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त प्रावधान की घोषणा की. इस घोषणा से रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी, जिससे अनेक क्षेत्रों में रोगजार मिलेगा और अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी.
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए बजट अनुमानों के अलावा अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से 18,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. यह राशि इस साल दिए जा चुके 8,000 करोड़ रुपये से अतिरिक्त होगी. उन्होंने कहा कि इस फैसले से 12 लाख मकानों का काम शुरू करने के साथ ही 18 लाख मकानों को पूरा करने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे 78 लाख नए रोजगार के मौके पैदा होंगे और स्टील तथा सीमेंट की मांग भी बढ़ेगी.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना का शुभारंभ 25 जून 2015 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश के शहरी इलाकों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग,निम्न आय वर्ग तथा मध्यम आय वर्ग के गरीब परिवार जिनके पास खुद का घर नहीं है या कच्चे घर है उन्हें स्वयं का पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए ऋण उपलब्ध कराने के लिए की थी. इस योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार का लक्ष्य वर्ष 2022 तक प्रत्येक पात्र परिवार को स्वंय का घर उपलब्ध कराना है.
इस योजना के तहत जिन लाभार्थियों का नाम पीएमएवाई शहरी सूची में सम्मिलित होगा उन्हें केंद्र सरकार द्वारा पहली बार स्वयं का घर खरीदने पर 2.35 लाख से लेकर 2.50 लाख तक की ब्याज दरों पर सब्सिडी प्रदान की जाएगी. आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आय वर्गो के लिये योजना के अंतर्गत 6 लाख तक का ऋण 20 साल की अवधि के लिए उपलब्ध कराया जायेगा तथा योजना के अंतर्गत 6.50 प्रतिशत यानी 2.67 लाख की सब्सिडी देय ऋण पर उपलब्ध करायेगी. एमआईजी 1 तथा एमआईजी 2 ग्रुप के व्यक्तियों को 20 साल के लोन पर 4 फीसदी तथा 3 फीसदी की ब्याज सब्सिडी प्रदान करेगी. कुल मिलाकर एमआईजी 1 तथा एमआईजी 2 ग्रुप को 2.35 लाख व 2.30 लाख की सब्सिडी पर करा रही है.
Posted By : Rajneesh Anand
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