मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा- YES BANK के लिए RBI की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी. रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा.
नयी दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी. रिजर्व बैंक द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) यस बैंक की 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा. मंत्रिमंडल की बैठक के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मंत्रिमंडल ने रिजर्व बैंक द्वारा सुझायी गयी यस बैंक की पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है. रिजर्व बैंक ने पांच मार्च को यस बैंक पर रोक लगायी थी. साथ ही ग्राहकों के लिए 50,000 रुपये तक निकासी सीमा तय की थी. यह रोक तीन अप्रैल तक के लिए लगायी गयी है.
Finance Minister Nirmala Sitharaman on Yes Bank reconstruction: The moratorium will be lifted within 3 days of notifying the scheme. A new board, having at least 2 directors of SBI, will take over within 7 days of the issuance of notification. https://t.co/24yXhLfYZs pic.twitter.com/JA2NjMn9JJ
— ANI (@ANI) March 13, 2020
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने एसबीआई के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी प्रशांत कुमार को यस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया था. पुनर्गठन योजना की जानकारी देते हुए सीतारमण ने कहा कि एसबीआई यस बैंक में 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगा. बाकी अन्य निवेशकों को भी आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हर निवेशक पर तीन साल तक शेयरों की खरीद-बिक्री पर रोक रहेगी. एसबीआई के मामले में वह अपनी हिस्सेदारी को तीन साल तक 26 फीसदी से कम नहीं कर सकेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि यस बैंक की अधिकृत पूंजी 1,100 करोड़ रुपये से बढ़कर 6,200 करोड़ रुपये हो जाएगी. इस पुनर्गठन योजना को खाताधारकों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखकर मंजूर किया गया है. यह यस बैंक और साथ-साथ पूरी वित्तीय प्रणाली को स्थिरता प्रदान करेगा. पुनर्गठन योजना को अधिसूचित किए जाने के तीन दिन के भीतर यस बैंक पर लगी रोक को हटा लिया जाएगा. साथ ही, इस अधिसूचना के सात दिन के भीतर निदेशक मंडल का गठन कर लिया जाएगा. गुरुवार को एसबीआई ने यस बैंक में 7,250 करोड़ रुपये निवेश करने की मंजूरी दी थी. यह उसकी शुरुआती 2,450 करोड़ रुपये निवेश की योजना से बहुत अधिक है.
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