वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने SBI को लगायी फटकार, कहा- ‘अयोग्य’और ‘हृदयहीन’ है बैंक!

नयी दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में सरकारी स्वामित्व वाले सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार को कड़ी फटकार लगायी है.

By Utpal Kant | March 15, 2020 10:44 AM
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में सरकारी स्वामित्व वाले सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार को कड़ी फटकार लगायी है. वित्त मंत्री ने एसबीआई को ‘अयोग्य’और ‘हृदयहीन बैंक ’ तक कह दिया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप से यह खुलासा हुआ है. वित्त मंत्री ने फरवरी में असम की राजधानी गुवाहाटी में आयोजित एक संपर्क कार्यक्रम के दौरान एसबीआई के चेयरमैन को फटकार लगाई. ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स कॉनफेडरेशन (AIBOC) ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार को वित्त मंत्री द्वारा कथित रूप से फटकार लगाए जाने की ओलाचना की है.

एसोसिएशन का दावा है कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप से यह खुलासा हुआ है. संगठन ने कहा, उन्होंने (वित्त मंत्री ने) रजनीश कुमार (एसबीआई के चेयरमैन) की तीखी आलोचना की और उनपर आरोप लगाया कि वह ऋण देने में, विशेष रूप से असम के चाय बगान कामगारों को लोन देने में, असफल रहे हैं. एआईबीओसी ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि 27 फरवरी, 2020 को गुवाहाटी में आयोजित एसबीआई वित्तीय समावेशन संपर्क कार्यक्रम में असम के वित्त मंत्री और डीएफएस के अन्य अधिकारियों तथा अन्य बैंकों के प्रमुखों की उपस्थिति में वित्त मंत्री ने एसबीआई और उसके चेयरमैन रजनीश कुमार की काफी आलोचना की. एआईबीओसी बैंक अधिकारियों का सबसे बड़ा संगठन है और इसकी सदस्य संख्या करीब तीन लाख 20 हजार की है. संगठन का दावा है कि वित्त मंत्री ने एसबीआई को ‘हृदयहीन बैंक’ बताया और देश के सबसे बड़े बैंक के प्रमुख का अपमान किया.

एआईबीओसी ने कहा, इसके अलावा सबसे दुखद बात यह है कि किसी ने पूरी घटना को रिकॉर्ड किया और सुनिश्चित किया कि वह सोशल मीडिया पर वायरल हो. संगठन ने कहा, हमारा विचार है कि जनप्रतिनिधियों को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष अधिकारियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए. उसने कहा, ‘हम मांग करते हैं कि किसी असामाजिक तत्व द्वारा कार्यक्रम के दौरान रिकॉडिंग किए जाने और सोशल मीडिया का दुरुपयोग किये जाने के मामले की जांच होनी चाहिए. बताया जा रहा है वित्त मंत्री ने एसबीआई को इसलिए आड़े हाथ लिया क्योंकि असम में चाय बगान के श्रमिकों के करीब 2.5 लाख बैंक खाते फंक्शन में नहीं थे.

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