Vodafone-Idea संकट पर वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, कई अफसर कर रहे हैं बात, मेरे पास अभी नहीं आया है मामला
भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी की आर्थिक स्थिति उसे लोन देने वालों के लिए एक चिंता का विषय है.
Vodafone-Idea case : वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) बंदी के कगार पर पहुंच गई है. उसे रोकने के लिए सरकार से उम्मीद की जा रही है. इसी बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि इस मामले को लेकर कई अधिकारी एक-दूसरे से बात कर रहे हैं, लेकिन उनके पास अभी तक कुछ नहीं आया है.
भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी की आर्थिक स्थिति उसे लोन देने वालों के लिए एक चिंता का विषय है, क्योंकि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दी जाने वाली बकाया राशि की दोबारा गणना करने की उसकी याचिका खारिज कर दी थी.
सीतारमण ने कहा कि कई अधिकारी आपस में बात कर रहे हैं, लेकिन मेरे पास कुछ नहीं आया है. हालांकि उन्होंने नहीं बताया कि बातचीत सरकारी अधिकारियों के बीच हो रही थी या लोन देने वाले वोडाफोन-आइडिया से बात कर रहे थे.
बता दें कि खुद का अस्तित्व बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही वोडाफोन-आइडिया ने 1,06,010 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम भुगतान दायित्वों और सरकार के 62,180 करोड़ रुपये की समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) देयता को टाल दिया है.
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इससे पहले हाल ही में वीआईएल के चेयरमैन का पद छोड़ने वाले अरबपति उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कंपनी को संकट से उबारने के लिए सरकार से मदद मांगी थी. इसके साथ ही, उन्होंने वीआईएल में अपनी हिस्सेदारी छोड़ने की भी पेशकश की थी. वोडाफोन-आइडिया मार्च 2016 के बाद से लगातार सालाना आधार पर नुकसान उठा रही है.
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